जी हा हम आपको आज एक ऐसी बात बताने जारहे है जिसके चलते आपको इन बातो को ख्याल रखना है आमतोर पर डेली यूज़ होने वाली एक ऐसी चीज़ के बारे में आज हम आपको बताएँगे इससे क्या नुकसान है , क्या आप भी ऐसा सोचते हैं कि किचन और टॉयलेट में सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं?
अगर हां, तो आपके यहां गौर करने की जरूरत हैं. जी हां, हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसके मुताबिक, रोजाना घरों में इस्तेमाल होने वाले टॉवल्स में किचन और टॉयलेट से भी ज्यादा जर्म्स होते हैं. क्यों आप भी चौंक गए ना? चलिए जानते हैं क्या कहती है ये हैरान कर देने वाली रिसर्च.
क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, घरों में इस्तेमाल होने वाले बाथ टॉवेल, हैंड टॉवेल और किचन टॉवेल में सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं. जिसकी वजह से 89% डायरिया और फूड प्वॉइजनिंग होने का खतरा बढ़ जाता है.
क्यों हैं ऐसा- तौलिए में लंबे समय तक नमी बरकरार रहती है जिसकी वजह से इनमें अधिक बैक्टीरिया और जर्म्स पनपने का डर रहता है.
आमतौर पर लोग गीले तौलिए को घर में कहीं भी रख देते हैं. घर में अक्सर जर्म्स होते हैं जो कि आसानी से तौलिए में आ जाते हैं.
एक बड़ा कारण तौलिए की ठीक से सफाई ना करना. लोग कई-कई दिन तक तौलिया नहीं धोते जिससे इसमें जर्म्स पनपने लगते हैं और बॉडी में चले जाते हैं.
दरअसल, तौलिए से हाथ पोंछने के बाद लोग खाना बनाते या उसका सेवन करते हैं. ऐसे में हाथ में लगे जर्म्स शरीर में चले जाते हैं.
कई फैमिली मेंबर्स एक ही टॉवल का इस्तेमाल करते हैं, इससे भी बीमारियां होने का डर रहता है.
टॉवल को यूं बनाएं जर्म्स फ्री– सबसे पहली बात की आप हमेशा अपने टॉवेल को अलग में रखें. टॉवल की एक जगह बनाएं.
कोशिश करें की आपका तौलिया हमेशा पूरी तरह से सूखा रहे.सप्ताह में कम से कम एक बार टॉवल को धोएं.तौलिया को हमेशा उच्च तापमान 90 डिग्री सेल्सियस पर धोना चाहिए ताकि धुलाई के दौरान सारे जर्म्स मर जाएं.
आप चाहे तो महीने में एक बारअपने टॉवल को ड्राईक्लीन के लिए भेज सकते हैं.अपना अलग टॉवेल इस्तेमाल करें. किसी का तौलिया भी इस्तेमाल ना करें.मुलायम तौलिएं का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होता है.