अगर ज्योतिषी ने भी चुनाव नतीजों की भविष्यवाणी की, तो खैर नहीं-EC

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने गुरुवार (30 मार्च) को एग्जिट पोल के नतीजों को दिखाने पर पाबंदी की ही तरह अब ज्योतिषियों के जरिए चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी को भी गैरकानूनी बताया है। आयोग ने मीडिया को सचेत किया है कि भविष्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध की अवधि के दौरान ऐसे कार्यक्रमों का प्रकाशन-प्रसारण नहीं करें।

मीडिया संगठनों को भेजे गए एक परामर्श में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि ‘‘चुनाव आयोग की आेर से अधिसूचित की गई एेसी अवधि के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा और न ही इसे किसी अन्य तरीके से वितरित करेगा ।’’ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की विधानसभाओं के चुनाव के दौरान एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि चार फरवरी की सुबह सात बजे से लेकर नौ मार्च की शाम 5:30 बजे तक थी।

नौ मार्च को अंतिम मतदान हुए थे । परामर्श में कहा गया, ‘‘एेसा देखा गया है कि कुछ टीवी चैनलों ने एेसे कार्यक्रम प्रसारित किए जिनमें राजनीतिक पार्टियों की आेर से जीती जा सकने वाली सीटों की संया बताई गई । यह उस वक्त किया गया जब एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि लागू थी।’’

आयोग ने कहा कि एक कार्यक्रम में शो के पैनलिस्टों ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में अलग-अलग पार्टियों को कितनी सीटें मिल सकती हैं। परामर्श के मुताबिक, ‘‘आयोग का मानना है कि ज्योतिषियों, टैरो रीडरों, राजनीतिक विश्लेषकों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिबंध की अवधि के दौरान किसी भी स्वरूप या तरीके से चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करना धारा 126-ए का उल्लंघन है ।’’कड़े शदों में लिखे गए इस परामर्श को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन को भी भेजा गया है।

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