अक्षर पटेल ने आज स्पष्ट किया कि वह सीमित ओवरों के प्रारूप में रविंद्र जडेजा के स्थान पर खुद को स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर नहीं मानते और अगर वह अच्छा करते हैं तो ‘स्वत:’ ही टीम में चुने जाएंगे। अक्षर को पेशेवर क्रिकेटर जडेजा पर तरजीह दी गयी, वह अगस्त से आठ वनडे खेल चुके हैं जिसमें उन्हें 10 विकेट मिले हैं और सबसे अहम बात कि वह ज्यादातर मैचों में किफायती रहे हैं।
अक्षर ने कहा, ‘‘मुझे टीम में स्थान मिला, तभी मैं खेल रहा हूं। मेरा मानना है कि अगर मैं एक मैच में अच्छा करता हूं तो मुझे स्वत: ही अगले मैच के लिए चुना जाएगा।’’ मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला वनडे गंवाने (जिसमें टाम लैथम लगातार कुलदीप यादव के खिलाफ स्वीप शाट खेल रहे थे) के बाद भारतीय टीम ने अपनी रणनीति में बदलाव करके अक्षर को गेंदबाजी पर लगाया जो टीम इंडिया के लिए कारगर रहा। अक्षर रणजी ट्राफी में गुजरात के लिए खेलते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पहले मैच में काफी अच्छे स्वीप शाट खेले। हम जानते थे कि स्पिनरों के खिलाफ ऐसा होगा और वे यही रणनीति अपनाएंगे और हमने फिर इसी के हिसाब से अपनी योजना बनायी। ’’
स्वतंत्रता मिलने से आत्मविश्वास बढ़ा
उन्होंने कहा कि कप्तान विराट कोहली ने उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार गेंदबाजी करने की स्वतंत्रता दी जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। अक्षर ने दिल्ली में पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में चार ओवर में 20 रन देकर दो विकेट चटकाए। उन्होंने कहा, ‘‘जब कप्तान आपका समर्थन करता है तो आप अच्छा करते हो। मैं दूसरे वनडे के बाद से अच्छा कर रहा हूं। उन्होंने मुझे मेरे हिसाब से गेंदबाजी करने की स्वतंत्रता दी। वह हम पर (मुझ पर और चहल पर) छोड़ देते थे कि हम फैसला करें कि हम कैसी गेंदबाजी करना चाहते हैं। वह कहते कि अगर यह रणनीति सफल नहीं हुई तो मैं तुम्हारा साथ दूंगा जिससे हमें दबाव के बिना गेंदबाजी करने की स्वतंत्रता मिली। ’’