आदि गुरू शंकराचार्य के प्रयासों से भारतीय संस्कृति आज भी अक्षुण्ण है

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देश में एक नहीं अनेक मत-मतान्तर दिखाई देते हैं। ऐसे में आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा बताए गए अद्वैतवाद दर्शन में विश्व की समस्याओं का समाधन निहित है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज विदिशा में एकात्म यात्रा में जन-संवाद को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विश्व में आंतकवाद जैसी प्रवृत्तियों को समाप्त करने और शांति स्थापित करने की दिशा में शंकराचार्य का एकात्म दर्शन सही दिशा दे सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शंकराचार्य द्वारा समाज सुधार के लिए दो हजार वर्ष पूर्व किये गये प्रयास अकल्पनीय हैं। उन्होंने देश को पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण से जोड़ने का जो कार्य किया, वह अद्वितीय है। आज भी उत्तराखण्ड में स्थित बद्रीनाथ मंदिर में दक्षिण भारत के नम्बूदिरी ब्राह्मण पुजारी हैं। यह देश को एक करने के लिए शंकराचार्य द्वारा देश की संस्कृति को जोड़ने का अभूतपूर्व प्रयास है। उन्होंने देश को ”जियो और जीने दो” का दर्शन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ”वसुधैव कुटुम्बकम” के माध्यम से सारी दुनिया को एक ही परिवार मानना और सभी प्राणियों को एक समान दर्जा देना शंकराचार्य की विशेषता थी। उन्होंने विश्व के कल्याण का आव्हान किया और कहा कि सभी में एक ही चेतना है। छोटे-बड़े के बीच कोई भेद नहीं है। शंकराचार्य के प्रयासों से भारतीय संस्कृति आज भी अक्षुण्ण है। हमें इस संस्कृति का संवर्धन कर इसकी रक्षा करनी चाहिए। शंकराचार्य भगवान शंकर के अवतार थे, जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की आयु में संसार त्याग दिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि वे सभी त्यौहार समाज के सभी वर्गो के साथ मनाकर एकात्म यात्रा के मूल स्वरूप को सार्थक करेंगे। जीव, जगत और जगदीश मूलभूत एकात्म भाव को आत्मसात कर स्वयं को और समाज को उन्नत करने का कार्य करेंगे।

सरसंघ संचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश के सभी पंथ-संप्रदाय एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं। हम प्रवचनों के माध्यम से दी गई सीख को अपने आचरण में उतारें। ऊँच-नीच से परे रहकर समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करें। ऐसा करने से ही शंकराचार्य के वेदांत दर्शन को हम आत्मसात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अद्वैत वेदांत की भावना को मिलकर आगे बढ़ाएं। अद्वैत वेदांत ही सम्पूर्ण विश्व को मैत्री का संदेश देता है।

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि यात्रा के दौरान सामाजिक समरसता का अभूतपूर्व स्वरूप देखने को मिला। स्वामी अखिलेश्वरानंद ने प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा के प्रवाह को अविरल रखने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि नदियों को ”सदा नीरा” रखने के लिए समुचित प्रयास जरूरी हैं।

इसके पूर्व सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, उद्यानिकी राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा तथा साधु-संतों ने प्रतीक स्वरूप लाई गई शंकराचार्य की चरण पादुका का पूजन किया।

कार्यक्रम में विदिशा जनपद पंचायत की सभी ग्राम पंचायतों और नगरपालिका के सभी वार्डों से एकात्म यात्रा के लिए धातु कलश एकत्र कर जन-संवाद कार्यक्रम स्थल पर लाए गए, यहाँ कलशों का पूजन किया गया। धु्रवा बैंड द्वारा संस्कृत भाषा में अपनी आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई।

पुलिस परेड ग्राउण्ड में हुए कार्यक्रम में विधायक द्वय श्री कल्याण सिंह ठाकुर, श्री वीर सिंह पवार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, एकात्म यात्रा के जिला समन्वयक श्री श्यामसुन्दर शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन समेत अन्य जन-प्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा यात्रा में शामिल हुए सहभागी तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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