आदि शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता स्थापित की

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नरसिंहपुर  – ईपत्रकार.कॉम |अद्वैत वेदांत दर्शन एवं सांस्कृतिक एकता के प्रवर्तक आदि शंकराचार्य की प्रतिमा हेतु धातु संग्रहण एवं जनजागरण के उद्देश्य से प्रदेश व्यापी एकात्म यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्रा के करेली से बरमानकलां पहुँचने पर यहां नागरिकों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। यात्रा में आये साधु-संतों का पुष्पहारों से स्वागत किया। बरमान में एकात्म यात्रा के प्रवेश करने पर महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर यात्रा की आगवानी की। इस अवसर पर शंख बजाकर मंगल ध्वनि की गई। बरमानकलां में जगह-जगह तोरण द्वार बने हुए थे। घरों के सामने रंगोली सजी हुई थी। बरमानकलां के नर्मदा तट पर एकात्म यात्रा के अन्तर्गत जनसंवाद का कार्यक्रम रखा गया।

जनसंवाद में साधु-संतों ने लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर बताया गया कि आदि शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता स्थापित कर मानवता को शांति और धर्म की राह दिखाई। उन्होंने भारत की चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की। उत्तर में ज्योतिष पीठ, दक्षिण में श्रृंगेरी मठ, पूर्व में गोवर्धन मठ और पश्चिम में शारदा मठ की स्थापना की। कार्यक्रम में परमहंस डॉ. मुक्तानंद जी महाराज ने सरल शब्दों में अद्वैत वेदांत दर्शन को समझाया। उन्होंने कहा कि सभी प्राणियों के भीतर एक ही परमात्मा का अंश है। सभी जीवजगत में एक ही आत्मा है। इसलिए किसी के साथ भेदभाव न करें।

जनसंवाद में डॉ. जामदार ने एकात्म यात्रा के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आदि शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था, परन्तु ज्ञान दीक्षा उन्हें मध्यप्रदेश में मिली। इसलिए मध्यप्रदेश में 4 एकात्म यात्रायें ओंकारेश्वर, रीवा, अमरकंटक और उज्जैन से निकाली गई हैं। सभी यात्रायें 22 जनवरी को ओंकारेश्वर पहुंचेंगी। जिन स्थानों से एकात्म यात्रायें गुजरेंगी, उस स्थान से धातु कलश में वहां की मिट्टी एकत्रित की जा रही है। एकत्रित की जा रही धातु कलश एवं वहां की मिट्टी का प्रयोग आदि गुरू की प्रतिमा की स्थापना के समय किया जायेगा।

जनसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित समुदाय को बेहतर समाज के निर्माण का संकल्प दिया गया। उपस्थित लोगों ने जीव-जगत और जगदीश की एकात्मकता को आत्मसात करने और एकात्मकता के माध्यम से बेहतर समाज, राष्ट्र और विश्व निर्माण करने में योगदान देने का संकल्प दिलाया।

साधु-संतों का सम्मान

जनसंवाद स्थल पर विधायक जालम सिंह पटैल ने एकात्म यात्रा के साथ आये सभी साधु-संतों का शाल-श्रीफल और पुष्प मालाओं से सम्मान किया। उन्होंने परमहंस डॉ. मुक्तानंद जी महाराज, स्वामी हरिहरानंद सरस्वती, महंत बालकदास जी एवं अन्य साधु-संतों का सम्मान किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति

बरमान तट पर आयोजित जनसंवाद स्थल पर धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर महिषासुर मर्दनी और आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन तथा संस्कृति वृंद ध्रुव द्वारा संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार, अपर कलेक्टर जे समीर लकरा, राजीव ठाकुर, जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा और बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।