इंटरनेट का उपयोग ज्ञान प्राप्ति के लिए करें, लेकिन टाइमपास की चेटिंग से स्वयं को बचायें-डॉ. डी. सी. राठी

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बड़वानी- (ईपत्रकार.कॉम) |सीढ़ियों के माध्यम से हम मकान की छत पर पहुंच सकते हैं। जिन युवाओं की मंजिल आसमान है, उन्हें अपनी राह खुद बनानी होगी। सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी बना लें, तो आपको समय अधिक मिलने लगेगा। इंटरनेट का उपयोग ज्ञान प्राप्ति के लिए करें, लेकिन टाइमपास की चेटिंग से स्वयं को बचायें। यदि आप कॉलेज लाइफ के ये तीन या पांच वर्ष मेहनत कर लेंगे तो शेष जीवन मजे से कटेगा और यदि आपने अभी मजे करने का रास्ता अपना लिया तो फिर जीवन को काटना मुश्किल हो जायेगा। कोशिश करें कि आप उद्यमी बनें, ताकि आप अन्य लोगों को रोजगार दे सकें। सरकारी और निजी क्षेत्रों में अवसर की कमी नहीं है, बस आपमें ज्ञान, कौशल, समर्पण, बातचीत करने की कला होनी चाहिए।

ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ. डी सी राठी, उप निदेशक, स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना, उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि करंट इवेंट्स में मास्टरी करें। इसके लिए नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ें। कम्प्यूटर में दक्षता उत्पन्न करें और जो बात आपने एक बार सीख ली है, उसे समय के साथ हुए परिवर्तन के अनुसार अपडेट करें। डॉ. राठी ने बड़वानी पीजी कॉलेज के कॅरियर सेल की टीम की प्रशंसा की और बताया कि इस सेल की गतिविधियों को दूसरे महाविद्यालय के समक्ष उदाहरण के रूप में रखा जाता है।

अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. एनएल गुप्ता ने की। डॉ. गुप्ता ने परिश्रम से अध्ययन करने की सलाह दी। कार्यक्रम का संयोजन कॅरियर सेल की टीम के प्रीति गुलवानिया, अंतिम मौर्य और राहुल मालवीया ने किया। सर्वप्रथम अतिथियों ने सरस्वती पूजन किया। कार्यकर्तागण भारती धार्वे, कामिनी पाटीदार, रोशनी जाधव ने कुंकुम तिलक से और उमेश राठौड़, संजय सोलंकी, राकेश बर्मन ने अतिथियों का पुष्पहार से अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. मधुसूदन चौबे ने बताया कि डॉ. राठी का व्याख्यान अत्यंत ओजस्वी और दिव्य था। उनकी बातों का बड़ा सकारात्मक प्रभाव युवा विद्यार्थियों पर पड़ा। उन्होंने नौकरी और स्वरोजगार दोनों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

संचालन अंतिम मौर्य एवं कामिनी पाटीदार ने किया। प्रतिवेदन उमेश राठौड़ और रोशनी जाधव ने तैयार किया। आभार भारती धार्वे ने व्यक्त किया। सहयोग प्रीति गुलवानिया, संजय सोलंकी, राहुल मालवीया ने किया। इस अवसर पर डॉ. दिलीप माहेश्वरी, डॉ. परवेज मोहम्मद सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित हुए।

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