उद्यानिकी फसलों की सिंचाई हेतु तालाबों का निर्माण किया जाए – संभागायुक्त श्री ओझा

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उज्जैन – ईपत्रकार.कॉम |संभागायुक्त श्री एम.बी. ओझा की अध्यक्षता में सोमवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में उद्यानिकी विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, उप संचालक उद्यानिकी उज्जैन श्री पी.एस.कनेल, श्री आर.के.श्रीवास्तव एवं संभाग के समस्त जिलों के उद्यानिकी विभाग के सम समस्त अधिकारी मौजूद थे। संभागायुक्त श्री एम.बी. ओझा ने संभाग के जिलों में मौजूद उद्यानिकी नर्सरी, वहां होने वाली प्रमुख उद्यानिकी फसलों और किसानों को किए जाने वाले बीज वितरण के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।

चर्चा के दौरान बताया गया कि जिलों की उद्यानिकी नर्सरी में पानी की कमी एक प्रमुख समस्या है। इसके निराकरण हेतु संभागायुक्त ने कहा की इस समस्या से निजात पाने व उद्यानिकी फसलों को सिंचित करने के लिए खेतों के आस पास अस्थाई तालाबों का निर्माण किया जाए जिससे काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है।

बैठक में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में प्राप्त आवंटन के व्यय एवं शेष की प्रगति की 31 दिसंबर 2017 की स्थिति में समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मौजूदा वित्तीय वर्ष खत्म होने के पूर्व विभाग को दिए गए विभिन्न लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाए।

बैठक में राज्य घोषित योजना और एकीकृत बागवानी मिशन योजना की भी समीक्षा की गई। किसानों को उद्यानिकी फसलों के बीजों के आवंटन में आगर मालवा जिले की स्थिति में आशा अनुरूप प्रगति नहीं पाई गई। संभागायुक्त ने आगर मालवा के उप संचालक उद्यानिकी को तुरंत निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति करने के निर्देश दिए। अधिकारियों से पॉलीहाउस निर्माण में किसानों को दिए जाने वाले अनुदान, सब्जी व फल क्षेत्र विस्तार योजना, संरक्षित खेती, मेट हाउस तथा समय समय पर अपने क्षेत्र के कृषकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।

अधिकारियों को फील्ड में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यालय में डीईओ लेटर और व्यय बजट आवंटन हेतु विधिवत प्रस्ताव बनाकर भेजे जाने के निर्देश दिए गए। किसानों को उद्यानिकी फसलों से लाभांवित करने के लिए समय समय पर ट्रेनिंग हेतु प्रोत्साहित करने को कहा गया। मसाला विस्तार क्षेत्र योजना के बारे में भी समीक्षा के दौरान जिन जिलों में उपलब्धि 50 प्रतिशत से कम है वहां फरवरी अंत तक निर्धारित लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश दिए गए।

उद्यानिकी विकास हेतु यंत्रीकरण विस्तार को बढ़ावा देने की योजना की समीक्षा करते हुए कहा गया कि किसी भी जिले में न्यूनतम 70 प्रतिशत से कम लक्ष्य की पूर्ति किसी भी स्थिति में ना हो और इसे शत प्रतिशत तक कर लिया जाए। बाड़ी कार्यक्रम पर चर्चा के दौरान बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत बी.पी.एल से नीचे के लोगों को उनके घर के समीप उपयोगी भूमि (बाड़ी) पर सब्जी फल लगाने के लिए बीज वितरित किए जाते हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि लोगों को बीज वितरण के पश्चात उन्हें लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाए ताकि कुपोषित बच्चों को फल और सब्जियां पौष्टिक आहार के स्वरूप दी जा सकें।

कृषक प्रशिक्षण और भ्रमण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मालवा क्षेत्र के किसानों को ऐसे क्षेत्रों में भ्रमण के लिए भेजा जाए जहां पानी की कमी है, क्योंकि वर्तमान में मालवा क्षेत्र में भी सिंचाई हेतु पानी की समस्या का सामना किसानों को करना पड़ता है । दूरदराज के क्षेत्रों में कम पानी की खेती कैसे हो सकती है इसके नए नए प्रयोगों के बारे में मालवा के किसान जानकारी हासिल कर सकें। नश्वर उत्पादों की भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए कोल्ड रूम एवं स्टोरेज निर्माण की समीक्षा की गई। कोल्ड रूम में निर्धारित लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन नए फल उद्यान की स्थापना और फलोद्यान अनुरक्षण पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि उज्जैन में फलोद्यान अनुरक्षण हेतु 13 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो पूर्ण कर लिया गया है। पुराने बगीचों के जीर्णोद्धार पर विशेष जोर देने को कहा गया। इसके अलावा प्लास्टिक मल्चिंग,पॉलीहाउस, शेडनेट निर्माण में आगर मालवा जिले में स्थिति संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इस ओर विशेष ध्यान दिए जाने को कहा गया। उद्यानिकी फसलों के विभिन्न जिलों में कौन-कौन से क्लस्टर हैं इस बारे में भी जानकारी प्राप्त की गई। औषधि पौधा मिशन योजना के अंतर्गत समीक्षा के दौरान कहा गया कि औषधीय फसलों को लगाए जाने हेतु कि

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