बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर मोदी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के निर्णय को अपरिपक्व करार देते हुए भाजपा को सलाह दी कि वह आज के दिन को ‘एंटी ब्लैक मनी डे’ मनाने के बजाए ‘नोटबंदी माफी दिवस’ मनाए. इसके साथ ही मायावती ने नोटबंदी को ‘पैराडाइज पेपर’ मामले से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा एंड कंपनी जनता को ठगने और कंबल ओढ़ कर घी पीने में माहिर है.
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मगंलवार को अपने जारी बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी और अपरिपक्व तरीके से लिया गया 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी का फैसला आर्थिक इमरजेंसी लागू करने जैसा रहा, जिसमें मुट्ठीभर चहेते नेताओं और उद्योगपतियों को छोड़कर देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों को अभूतपूर्व तंगी के संकट में डाल दिया गया. नोटबंदी का फैसला असल में भारत के इतिहास का एक काला अध्याय साबित हुआ है.’
बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मोदी सरकार के इस निरंकुश फैसले के कारण देश आज भी आपातकाल के संकटकालीन दौर से गुजर रहा है. नोटबंदी का फैसला सुनाते हुए मोदी ने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा. लेकिन लोगों को प्रताड़ित करने वाले इस निर्णय के बाद सरकारी भ्रष्टाचार हर स्तर पर काफी बढ़ा है.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक वेबसाइट द्वारा भाजपा नेताओं के करीबियों की कंपनी द्वारा लेन-देन को लेकर किए गए खुलासे पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा एंड कंपनी के करीबी और खास बड़े लोगों के भ्रष्टाचार, गैर-कानूनी और अनुचित कार्यो का एक के बाद एक पर्दाफाश हो रहा है, जिससे केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार का भांडा फूट रहा है. यह कारनामे साबित करते हैं कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के अभिशाप से मुक्त नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार से युक्त सरकार है.’