गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में तीस बच्चों की मौत हुई है | मरने वाले बच्चे एनएनयू वार्ड और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में 48 घंटों में हुई मौतों के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही बात सामने आ रही है |फिलहाल इन मौतों का कारण इन्सेफलाइटिस माना जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि ऑक्सीजन सप्लाई रुकना भी बच्चों की मौत की एक वजह है।
सूत्रों के अनुसार मेडिकल कालेज के नेहरु अस्पताल में सप्लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपए का भुगतान बकाया था जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप कर दी। गुरुवार से ही मेडिकल कालेज में जम्बो सिलेंडरों से गैस की आपूर्ति की जा रही है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो साल पहले लिक्विड आक्सीजन का प्लांट लगाया गया था। इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए आक्सीजन दी जाती है। लगातार हो रही मौतों से वार्डों में कोहराम मचा हुआ है। चारों तरफ चीख पुकार व अफरातफरी का माहौल है।
ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के अधिकारी दिपांकर शर्मा ने रुपया बकाया होने पर आपूर्ति ठप होने की सूचना दो दिन पहले ही प्रिंसिपल को दे दी थी। गुरुवार को सेंटर पाइप लाइन आपरेटर ने प्रिंसिपल एछआईसी, एचओडी एनेस्थिसिया, एंसफलाईटिस वार्ड के नोडल अधिकारी को पत्र के जरिए दोबारा लिक्विड आक्सीजन सप्लाई का स्टाक बेहद कम होने की जानकारी दी। इन सब जानकारियों और आक्सीजन सप्लाई रुकने की बात पहले से पता चल जाने के बावजूद इसकी आपूर्ति सुचारू रूप से चालू रहे इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। नतीजा ये हुआ कि शुक्रवार सुबह तक मेडिकल कालेज में कई जानें चली गईं।