आईपीएल की पहचान शुरू से ही नए युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने की रही है. कई ऐसे युवा जिन्हें कभी अपने देश के लिए खेलने का मौका नहीं मिला, उन्होंने यहां प्रदर्शन कर अपना लोहा मनवाया.
क्रिकेट के खेल में आईपीएल एक बहुत बड़ा मंच है. बड़े-बड़े दिग्गज इंटरनेशनल खिलाड़ियों के सामने परफॉर्म करना नए-नए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होता है.
पठान ब्रदर्स के बाद पांड्या ब्रदर्स
ऐसे ही हैं पांड्या ब्रदर्स. हम बात कर रहे हैं, हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या की. दोनों भाई हैं, और इस साल मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं. दोनों ही भाइयों की शैली लगभग एक जैसी है. दोनों ऑलराउंडर हैं और आक्रमण शैली में बल्लेबाजी भी करते हैं. आईपीएल के इतिहास में पहली बार हुआ हैं कि दो भाई एक ही टीम से खेलें. इस लीग में पठान बंधु यानी यूसुफ पठान और इरफान पठान भी खेलते हैं, लेकिन दोनों ही अभी तक अलग-अलग टीमों से खेले हैं.
संघर्ष में शुरू किया क्रिकेट खेलना
क्रुणाल ने अभी तक भारत के लिए कोई मैच नहीं खेला, जबकि हार्दिक अभी-अभी खत्म हुए वर्ल्ड टी20 में भारत के प्रमुख खिलाड़ी थे. उनके प्रदर्शन की सराहना भी हुई. आज खेलकर लाखों-करोड़ों कमाने वाले दोनों पांड्या बंधुओं का शुरुआती जीवन कई संघर्षों से जुड़ा है. 2011 में पिता को हार्ट अटैक पड़ने से इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई. पिता ऑटोमोबाइल लोन एजेंट थे. क्रिकेट पर खर्च करना दोनों भाइयों के लिए कठिन हो गई था.
मैगी खाकर काम चलाते थे दोनों भाई
पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे ने उनकी प्रतिभा को पहचाना. दोनों ने उनकी एकेडमी से क्रिकेट के गुर सीखे. मोरे दोनों को मैगी ब्रदर्स कहकर पुकारते थे, क्योंकि दोनो भाई सिर्फ मैगी खाकर अपना काम चलाते थे. फुल मील का खर्च वहन करना उनके लिए मुश्किल था.
हार्दिक से 20 गुना महंगे हैं बड़े भाई क्रुणाल
लेकिन अब दोनों खेल से अपने और अपने परिवार के अच्छे दिनों को वापस ले आए हैं. क्रुणाल पांड्या को मुंबई इंडियंस ने 2 करोड़ में खरीदा है, जबकि हार्दिक की 2015 में सिर्फ 10 लाख रुपए की बोली लगी थी.