कर्तव्य पालन के बगैर एकाग्रता नही आ सकती है- संत स्वामी श्री संवित सोमगिरी जी

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नीमच  – ईपत्रकार.कॉम |एकात्म यात्रा ने गुरुवार को मंदसौर जिले के मल्हारगढ से प्रस्थान कर नीमच जिले के सीमावर्ती गांव कुचडौद से नीमच जिले में प्रवेश किया। नीमच जिले में इस यात्रा के प्रवेश पर भव्य आत्मीय स्वागत किया गया। यह एकात्म यात्रा नीमच जिले वासियों के लिये धर्म, आस्था, विश्वास और सामाजिक समरसता का एक अनुकरणीय उदाहरण बनी। सभी वर्गों के लोगो ने इस एकात्म यात्रा का नीमच विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार के नेतृत्व में आत्मीय स्वागत किया। कुचडौद, जीरन, चीताखेडा, होते हुए यह एकात्म यात्रा रात्री लगभग 9:30 बजे नीमच पहुंची। नीमच शहर में प्रवेश करने के साथ ही सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने एकात्म यात्रा के ध्वज को अपने हाथों में थाम लिया। वे ध्वज लिये आगे-आगे चल रहे थे, उनके पीछे नीमच विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार एकात्म यात्रा के कलश को दोनो हाथों से ससम्मान अपने सर पर उठाते हुए चल रहे थे। वहीं नीमच नगर पालिका के अध्यक्ष श्री राकेश पप्पू जैन आदि गुरु शंकराचार्य जी की चरण पादुका ससम्मान अपने सर-माथे पर उठाये हुए एकात्म यात्रा में शामिल हुए। एकात्म यात्रा के जिला मुख्यालय नीमच में प्रवेश करने के साथ ही बारादरी चौराहे पर मुख्य सड़क के दोनो ओर सर पर कलश लिये महिलायें एवं बालिकायें एकात्म यात्रा का कलश यात्रा के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत कर रही थी। धर्म, आस्था, विश्वास एवं सामाजिक समरसता एवं एकता का ऐसा अनुपम दृश्य बहुत कम देखने को मिलता है।

नीमच शहर में प्रवेश करने के साथ ही इस एकात्म यात्रा का जिला मुख्यालयवासियों ने उत्साहपूर्वक पुष्प वर्षा कर आत्मीय स्वागत किया। एकात्म यात्रा के नीमच शहर बारादरी चौराहे पर भव्य स्वागत के बाद धीरे-धीरे बैण्ड-बाजे एवं ढोल-ढमाको और धार्मिक भजनों की धुन के साथ फोर जीरो चौराहे के लिये रवाना हुई। बारादरी से फंव्वारा चौक, टैगोर मार्ग होते हुए यह एकात्म यात्रा आस्था और विश्वास के साथ अध्यात्म, एकात्मवाद एवं अद्वैतवाद के प्रति आम लोगो को जोडते हुए नीमच शहर के फोर जीरो चौराहे पर पहुंची जहां जन संवाद (धर्मसभा) का आयोजन हुआ। इस धर्म सभा में एकात्म यात्रा के नेतृत्वकर्ता संत स्वामी संवित सोमगिरी जी महाराज बीकानेर,स्वामी भूमानंद सरस्वती जी महाराज, स्वामी उमानंद जी महाराज, महामण्डलेश्वर श्री सुरेशानंद जी शास्त्री, संत श्री अयोध्यादास जी महाराज, स्वामी नर्मदानंद जी महाराज, महंत श्री लालानाथ जी आसनदरिया मठ, मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री सुधीर गुप्ता, विधायक दिलीप सिंह परिहार, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष एवं यात्रा के राज्यस्तर के सह समन्वयक एवं गो संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री नारायण व्यास, जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अवंतिका मेहर सिंह जाट, विधायक जावद श्री ओम प्रकाश सकलेचा, यात्रा के जिला संयोजक श्री महेन्द्र भटनागर, श्री संतोष चौपडा, नगर पालिका अध्यक्ष श्री राकेश पप्पू जैन, जनपद अध्यक्ष श्री जगदीश गुर्जर, श्री हेमंत हरित, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री अशोक जोशी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बद्रीलाल पटेल, जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक श्री वरुण आचार्य, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री टी.के. विद्यार्थी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि मंचासीन थे।

बालिका के जन्म पर परिवारों में उत्सव मनाया जाये
नीमच के फोर जीरों चौराहे पर आयोजित जनसंवाद (धर्मसभा) को संबोधित करते हुये संत श्री स्वामी संवित सोमगिरी जी महाराज ने कहा कि, बगैर कर्तव्य पालन के जीवन में एकाग्रता नहीं आ सकती। कर्तव्य से विमुख होने पर मन भटकने लगता है। एकाग्रता के लिये मन का शांत होना जरूरी है। एकात्म यात्रा घर-घर में शुरू होनी चाहीए। यह जो यात्रा चल रहीं है इसे 22 जनवरी तक ही सिमित न रखें इसे घर एवं अपने स्वयं के अन्दर निरन्तर चलने दे। एकात्म यात्रा में हम अकेले नहीं है पुरा भारत अपने से जुडा हुआ है, इसमें आप सभी भी आते है। आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा ज्ञान को लेकर यात्रा प्रारम्भ की गई थी। उनकी यात्रा का उद्देश्य किसी मत को परिवर्तन करना नहीं था। बल्कि पूरे भारत को एक करना था। उस समय बौद्ध धर्म का वैदिक धर्म पर व्यापक असर दिखने लगा था। वैदिक धर्म को बचाये रखने के लिये आदि गुरू शंकराचार्य जी ने अथक प्रयास किये। भारतीय संस्कृति का पूरा सार वैदों में लिखा हुआ है। वैदों को समझना एवं अपने जीवन में उतारना चाहिए। चारो आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे महत्वपूर्ण आश्रम है। उन्होने ब्रह्मज्ञान के बारे में बताते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान वही प्राप्त कर सकता है जिसकी दृष्टि सही और आचार विचार शुद्ध हो अर्थात सत्य को पहचानने की शक्ति हो। श्री संवित सोमगिरी जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि, नारी की उपासना एवं सम्मान करना चाहिए, लडकी के जन्म पर उत्सव मनाना चाहिए तभी घर में सुख, समृद्धि एवं घर में लक्ष्मी का वास होता है।

इस मौके पर राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त यात्रा के प्रदेश सह संयोजक श्री नारायण व्यास ने एकात्म यात्रा के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, विश्व कल्याण के उद्देश्य से यह यात्रा प्रारंभ की गई है। यह यात्रा न केवल मध्यप्रदेश में बल्कि संपूर्ण भारत देश में एक अनुकरणीय उदाहरण बन रही है। धर्म आस्था, विश्वास एवं एकता का प्रतिक यह यात्रा संपूर्ण देश भी अपनायेगा। विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि, आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा प्रदेश की धरती पर आज से 12 सौ वर्ष पूर्व चरण रखे गये और उन्होने सबको एकजुट रखने के लिये 4 मठों की स्थापना की इसी तारतम्य में यह यात्रा 19 दिसम्बर से प्रारम्भ होकर 21 जनवरी को ओंकारेश्वर में पूर्ण होगी। इस यात्रा में बडी संख्या में लोगो ने सहभागिता दी है। इस सहभागिता से ही ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची आदि गुरू शंकराचार्य जी की प्रतिमा स्थापित होगी।

सांसद ने दिलाया बेटी बचाओं का संकल्प
सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने जन संवाद में उपस्थित लोगो को संकल्प दिलाया कि, मैं संकल्प लेता हूं कि, जीव जगत एवं जगदीश के मूलभूत एकात्म भाव को आत्मसात कर स्वयं को उन्नत करुंगा, और इस एकात्मकता के जरिये एक बेहतर समाज, राष्ट्र एवं विश्व को निर्मित करने और बेटी बचाओं एवं महिलाओ की सुरक्षा एवं सम्मान तथा नशा मुक्ति अभियान में एक श्रेष्ठ व्यक्ति के नाते अपना योगदान दूंगा।

नीमच में जन संवाद के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों एवं संतगणों ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की तस्वीर पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर जन संवाद का शुभारंभ किया। तत्पश्चात अतिथियों ने कलश, ध्वज एवं कन्याओं का पूजन किया। सांसर श्री गुप्ता, विधायक श्री परिहार, जावद विधायक श्री ओम प्रकाश सकलेचा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अवंतिका मेहर सिंह जाट, उपाध्यक्ष श्री बद्रीलाल पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष श्री राकेश जैन, जनपद अध्यक्ष श्री जगदीश गुर्जर, श्री हेमंत हरित, श्री महेन्द्र भटनागर, श्री संतोष चौपडा,श्री अशोक जोशी तथा कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री टी.के. विद्यार्थी आदि ने भी मंचासीन अतिथियों और संतगणों का पुष्पहारों से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रवीण अरोंदेकर ने किया तथा अंत में एकात्म यात्रा के जिला संयोजक श्री महेन्द्र भटनागर ने आभार माना।

इस जन संवाद में एकात्म यात्रा के संदर्भ में आयोजित भाषण प्रतियोंगिता में विजेता तीन छात्र-छात्राओं और श्लोक गायन प्रतियोगिता में तीन छात्र-छात्राओं, समूह गायन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आठ छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया।

इसके पहले एकात्म यात्रा जीरन, चीताखेडा होते हुए गुरुवार 11 जनवरी को करीब रात्री 9:30 बजे नीमच शहर में पहुँची नीमच में प्रवेश करते ही सड़क के दोनो ओर बडी संख्या में उपस्थित महिलाओं और बालिकाओं ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का आत्मीय स्वागत किया। एकात्म यात्रा में नीमच जिलावासियों ने उत्साह पूर्वक शामिल होकर अपना योगदान दिया।

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