विदिशा – (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने रविवार को गुलाबगंज तहसील का निरीक्षण कर राजस्व कार्यो के सम्पादन का जायजा लिया। कलेक्टर श्री सुचारी ने तहसील के नाजिर श्री शकील खॉन को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश तहसीलदार श्रीमती सरोज अग्निवंशी को दिए है।
कलेक्टर श्री सुचारी ने तहसील कार्यालय के आरसीएल, अदमपैरवी में बंद किए गए प्रकरणों, बंदोवस्त के प्रकरण, अर्थदण्ड पंजी, डायवर्सन, न्यायालय में दर्ज प्रकरण, लोक सेवा गारंटी के अलावा सम्पादित राजस्व कार्यो का अवलोकन विभिन्न प्रकार की पंजी, नोटशीट के माध्यम से किया।
कलेक्टर श्री सुचारी ने तहसील कार्यालय के निरीक्षण के दौरान नाजिर श्री खॉन से कैश के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उनके द्वारा कैश लॉकर में कितनी राशि रखी गई है को मौके पर गिनवाया, बतलाई गई राशि उपलब्ध ना होने पर एवं राजस्व प्रकरणों की शाखा के प्रकरण पंजी में दर्ज नही करने के फलस्वरूप श्री खॉन को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिए गए है।
कलेक्टर श्री सुचारी ने तहसीलदार श्रीमती अग्निवंशी से कहा कि बंदोवस्त के प्रकरण तहसील गठन तिथि से स्पष्ट अंकित हो। उन्होंने अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं राजस्व वसूली के प्रकरण में शत प्रतिशत कार्यवाही की जाए। न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि बंटवारा, नामांतरण के जिन प्रकरणों में आदेश पारित किया जाता है उन प्रकरणों में संबंधित आवेदक के पक्ष एवं विपक्षकर्ताओं की बात अनिवार्य रूप से सुनी जाए और उसे न्यायालय निर्णय में अंकित किया जाए। उन्होंने अर्थदण्ड के सभी प्रकरण दायरा पंजी में दर्ज करने के निर्देश दिए है। निरीक्षण के दौरान आरसीएम के बेवपोर्टल पर 361 प्रकरण प्रदर्शित हो रहे है जबकि पंजी में 421 प्रकरणों की प्रविष्टियां परलिक्षित होने पर उन्होंने असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि शत प्रतिशत प्रकरण बेवपोर्टल पर दर्ज कराए जाएं। ऐसे प्रकरण जो वरिष्ठ न्यायालय में को प्रेषित किए गए है का स्पष्ट उल्लेख पंजी में अंकित किया जाए और वरिष्ठ न्यायालय कार्यालय से पावती प्राप्ति का प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से संलग्न किया जाए। कलेक्टर श्री सुचारी ने तहसील क्षेत्र में डायवर्सन की डिमांड बी-1 से लेकर बी-4 पंजी अब तक तैयार नही करने पर संबंधितों को चेतावनी दी की 15 दिवस के भीतर उपरोक्त कार्यवाही पूरी की जाए।
कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा तहसील कार्यालय की विभिन्न शाखाओं, रिकार्ड रूम का भी इस दौरान जायजा लिया गया। उन्होंने मासिक प्रतिवेदन एक वर्ष से अधिक का स्टॉक रूम में नही रखने, जिन प्रकरणों में आदेश पारित किए जा चुके है उन्हें रिकार्ड रूप में सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए है। तहसील कार्यालय में आने वाले अधिवक्तागणों एवं उनके पक्षकारों के बैठने हेतु तमाम प्रबंध सुनिश्चित करने के भी निर्देश उन्होंने दिए है