केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक विधेयक पर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर आज कहा कि इससे कांग्रेस का दोहरा चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है और वह नहीं चाहती है कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीति से मुक्ति मिले।
कांग्रेस का असली चेहरा आया सामने
प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह मीडिया के माध्यम से कांग्रेस से सवाल पूछना चाहते हैं कि तीन तलाक के मुद्दे पर लोकसभा में उनका एक रूप और राज्यसभा में दूसरा रूप क्यों है? उन्होंने कहा कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत था, इसलिए उन्होंने वहां विधेयक का विरोध नहीं किया और इसे पारित कराने में साथ दिया, लेकिन राज्यसभा में हमारी संख्या कम है तो यहां विरोध कर दिया। कांग्रेस का यही असली चेहरा है। वह दिल से नहीं चाहती कि मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिले।
राज्यसभा में रखेंगे अपनी बात
आगे की रणनीति पर कानून मंत्री ने कहा कि कल फिर राज्यसभा में वह अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सफलता नहीं मिल जाती, हम कोशिश करते रहेंगे। इससे पहले प्रसाद ने राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच में तीन तलाक विधेयक पेश करते हुए कहा कि लोकसभा में यह विधेयक पारित हो जाने के बाद देश में तीन तलाक के दो मामले सामने आये हैं। उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार देते हुए इसके खिलाफ कानून बनाने की बात कही है। इसलिए यह विधेयक पास कराना जरूरी है, लेकिन विपक्षी सदस्य इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजे जाने की मांग पर अड़े रहे और हंगामा करते रहे।