बड़वानी- (ईपत्रकार.कॉम) |जिले के ऐसे किसान भाई जिन्होने बैंक से फसल हेतु ऋण लिया है, और किसी कारणवश वे बैंक ऋण की राशि का समय पर भुगतान नही कर पा रहे है, तो ऐसी स्थिति में बैंक ऋण वसूली की कार्यवाही करता है, तो ऐसे किसान भाई भी नेशनल लोक अदालत में आकर सुलह एवं समझौते के आधार पर प्रकरण का निराकरण कराये एवं भारतीय रिजर्व बैंक के नियमानुसार दी जाने वाली छूटो का लाभ ले।
उक्त बाते जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रामेश्वर कोठे ने गुरूवार को जिला न्यायालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारो से कही। पत्रकार वार्ता के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि इस बार 09 सितम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में पहली बार भू-अर्जन अधिनियम के प्रकरणो को भी रखा जायेगा। साथ ही यह प्रयास भी किया जायेगा कि उक्त प्रकरणो का निराकरण पक्षकार एवं शासन के बीच सुलह एवं समझौते के आधार पर हो जाये।
उन्होने बताया कि आयोजित इस नेशनल लोक अदालत में 3654 पेण्डिंग प्रकरण तथा 4000 प्री-लिटिगेशन के प्रकरण रखे जायेंगे। आयोजित इस नेशनल लोक अदालत में नगर पालिका एवं विद्युत विभाग के द्वारा विशेष छूट प्रदान की जायेगी। इन छूटो का पक्षकार लाभ उठाकर प्रकरण का निराकरण कराये। पत्रकार वार्ता के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायाधीश श्री संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि 09 सितम्बर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 130, 131 तथा 132 के अंतर्गत सम्पत्तिकर अधिभार तथा जल उपभोक्ता प्रभार में छूट प्रदान की जायेगी।
उन्होने बताया कि सम्पत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50 हजार रुपये तक बकाया है, ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी साथ ही ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50 हजार रुपये से अधिक तथा 1 लाख रुपये तक बकाया है, ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी एवं ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार 1 लाख रुपये से अधिक राशि बकाया है ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 25 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
उन्होने बताया कि जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 10 हजार रुपये तक बकाया है, ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी साथ ही ऐसे प्रकरण जिनमें जलकर तथा अधिभार की राशि 10 हजार रुपये से अधिक तथा 50 हजार रुपये तक बकाया है, ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 75 प्रतिशत की छूट दी जायेगी एवं ऐसे प्रकरण जिनमें जलकर तथा अधिभार की राशि 50 हजार रुपये से अधिक राशि बकाया है ऐसे प्रकरणो में अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। पक्षकारो को छूट उपरांत राशि अधिकतम दो किश्त में जमा करानी होगी, जिसमें 50 प्रतिशत की राशि लोक अदालत के दिन जमा कराना अनिवार्य होगी। इसी प्रकार न्यायाधीश श्री गुप्ता ने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अंतर्गत न्यायालयो में लंबित प्रकरणो के निराकरण में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओ को छूट प्रदान की जायेगी।
उन्होने बताया कि न्यायालय में दर्ज प्रकरणो (प्रिलिटिगेशन स्तर) में कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार जो प्रकरण न्यायालय में दर्ज नही हुए है (लिटिगेशन स्तर) उन प्रकरणो में कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। साथ ही प्रिलिटिगेशन एवं लिटिगेशन दोनो ही स्तर के प्रकरणो में 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। श्री गुप्ता ने बताया कि उक्त सभी प्रकार की छूटे सिर्फ नेशनल लोक अदालत के दिन ही प्रदान की जायेगी। साथ ही नेशनल लोक अदालत में प्रकरण का निराकरण करवाने से लगने वाली कोर्ट फीस भी पक्षकार को वापस मिल जायेगी।
इस दौरान लोक अदालत के नोडल अधिकारी एवं विशेष न्यायाधीश श्री अखिलेश जोशी, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश श्री अजय कुमार सिंह, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश श्री समीर कुलश्रेष्ठ, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री एसआर सीनम, जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री रेखा द्विवेदी सहित पत्रकार बंधु उपस्थित थे।