भ्रष्टाचार के आरोपों काे लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्हाेंने केजरीवाल के 10 मई 2013 को किए गए एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूछा है, जेल या इस्तीफा, दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर और दिल्ली की जनता के लिए कृप्या अाप निर्णय लीजिए, आप ही तो बोले थे। दरअसल, मुख्यमंत्री ने 10 मई 2013 को किए गए अपने इस ट्वीट में पूछा था, भ्रष्टाचार करने वालों को सिर्फ इस्तीफा देना चाहिए या जेल भी भेजा जाना चाहिए।
अब कहां गई नैतिकता?
तिवारी ने कहा, एक कैबिनेट मिनिस्टर ने प्रत्यक्षदर्शी होते हुए खुद को गवाह बनाया है। प्रत्यक्षदर्शी गवाह काे भारतीय संविधान में बहुत बड़ा सबूत माना जाता है। उन्होंने कहा, केजरीवाल को शुंगलु कमेटी की रिपोर्ट्स भी भ्रष्ट बताती है। इसको ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, हमेशा नैतिकता की बात करने वाले केजरीवाल की नौतिकता अब कहां गई। केजरीवाल को सत्ता का लालच है जो कुर्सी से चिपके हुए हैं। अब केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर घूस लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि सत्येंद्र जैन जमीन सौदे के लिए 2 करोड़ रुपए दिए गए। मैंने अपनी आंखों से केजरीवाल को पैसे लेते देखा। उन्होंने कहा, सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल के सगे रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ की डील कराई। अपनी आंखों से शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को पैसे लेते देखकर चुप रहना मेरे लिए असंभव था, मैं पूरी रात सो नहीं पाया। कपिल मिश्रा के इन्हीं आरोपों के बाद से दिल्ली की सियासत में भूचाल आ गया है। हालांकि केजरीवाल ने अभी तक मिश्रा के इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है। विपक्ष लगातार उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा है।