इंजीनियर्स संस्थानों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एआईसीटीई ने नई योजना तैयार की है। कॉलेज बीटेक छात्रों को मुफ्त में पीजी और पीएचडी कराएंगे और नौकरी की गारंटी देंगे। पढ़ने के दौरान छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। योजना इसी साल से शुरू हो जाएगा।
प्रशिक्षु शिक्षक योजना
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चयरमैन अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने बताया कि इंजीनिर्यंरग कॉलेजों के लिए प्रशिक्षु शिक्षक योजना शुरू करने की तैयारी है। कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बीटेक के बाद प्रतिभाशाली छात्रों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करें। योजना के तहत उन्हें मुफ्त में पीजी कराएं। इतना ही नहीं एआईसीटीई की तरफ से पीजी में करीब 18 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता भी दिया जाएगा। पीएचडी के दौरान राशि बढ़ जाएगी।
कॉलेज के बीच करार
योजना के तहत छात्र और कॉलेज के बीच करार होगा। कॉलेज को पीजी के बाद छात्र को बतौर शिक्षक नियुक्त करना होगा। जबकि छात्र को निश्चित समय तक कॉलेज में पढ़ाना होगा। यह अवधि पांच से दस साल के बीच होगी। बता दें कि शिक्षण पेशा लुभावना नहीं होने से ज्यादातर छात्र कंपनियों में नौकरी को तरजीह देते हैं।
एनआईटी की तर्ज पर योजना
एनआईटी में भी पिछले साल इससे मिलती-जुलती योजना शुरू की गई है। इसमें बीटेक के बाद प्रतिभाशाली छात्रों को एमटेक-पीएचडी कोर्स में दाखिला दिया जाता है। 5-8 में छात्र यदि यह कोर्स पूरा करते हैं तो उन्हें संबंधित संस्थान में सीधे सहायक प्रोफेसर नियुक्त किया जाएगा।
40 फीसदी शिक्षकों की कमी
– एआईसीटीई के अंतर्गत इंजीनिर्यंरग कॉलेजों की संख्या करीब साढ़े तीन हजार है
– इन कॉलेजों में 40-45% शिक्षकों की कमी
– आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी आदि को मिलाकर करीब सौ केंद्रीय संस्थान हैं जो इंजीनिर्यंरग पढ़ाते हैं। लेकिन वहां भी शिक्षकों की कमी तकरीबन 35 फीसदी है।