राजगढ़- (ईपत्रकार.कॉम) |जिले में क्षय रोग के उपचार के लिये पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सप्ताह में तीन दिन डॉट्स पद्धति से उपचार दिया जाता रहा है। अब यह संपूर्ण जिले में क्षय रोगियों को प्रतिदिन सप्ताह में 7 दिवस प्रत्यक्ष देखरेख में डॉट्स के अंतर्गत टी.बी. की दवाईयां खिलायी जायेगी। इस नयी पद्धति में रोगी को उसके वजन अनुसार प्रतिदिन 2 या 3 अथवा 5 गोली खिलायी जायेगी। प्रत्येक गोली में निर्धारित मात्रा में टी.बी. उपचार की 4 प्रमुख दवाइयां सम्मिलित है। इसे फिक्स डोज काम्बीनेशन (एफडीसी) कहा जाता है। इस पद्धति से उपचार देने पर प्रत्येक मरीज को चारो प्रमुख दवाईयां वजन अनुसार सही मात्रा में प्राप्त होगी। जिससे रोगी में दवाईयों के दुष्प्रभाव कम होगें तथा ड्रग रेजिस्टेंस बढ़ने की संभावना कम होगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अनुसूया गवली सिन्हा द्वारा आज यहां कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ में टी.बी. के 2 नये रोगियों को 2 एवं 3 गोली खिलाकर इसका शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. गवली सिन्हा ने कहा कि टी.बी. के नये डेली डॉट्स उपचार से रोगी जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेंगे।
जिला क्षय अधिकारी डॉ.एस.के.मित्तल द्वारा बताया गया कि राजगढ़ जिले में 14 शासकीय एवं अषासकीय चिकित्सालयों में टी.बी. की जांच और उपचार की निःषुल्क सुविधायें उपलब्ध है। ऐसे सभी व्यक्ति जिन्हें दो सप्ताह से अधिक खांसी बुखार अथवा सीने में दर्द हो अपनी निःषुल्क जांच करवायें।
डॉ. मित्तल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है कि सन् 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त करना। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उन्होंने जिले के सभी प्रायवेट चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे अपने सभी टी.बी. के मरीजों को डेली डॉट्स के उपचार के लिये जिला क्षय-रोग निदान केन्द्र पर भेजकर रोगियों को उत्कृष्ट दवाइयां दिलवाएं एवं उन्हें टी.बी. से मुक्त होने में सहायता प्रदान करें।
कार्यक्रम के अवसर पर सिविल सर्जन डॉ.एस.यदु, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एल.पी.भकौरिया, एपिडेमियालॉजिस्ट डॉ. महेन्द्रपाल सिंह, डॉ.सुधीर कलावत एवं आरएनटीसीपी में पदस्थ समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।