गणेश विसर्जन में रखें इन 7 बातों का ध्यान

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भगवान गणेश जल तत्‍व के अधिपति हैं और यही कारण है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की पूजा-अर्चना कर गणपति-प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

1. प्रभु का विसर्जन करने से उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान को विशेष प्रसाद का भोग लगाएं और अब श्री गणेश का स्वस्तिवाचन करें.

2. एक साफ चौकी लें और उसे गंगाजल या गौमूत्र से साफ करके उस पर स्वास्तिक बनाएं. अब उस पर अक्षत रख के साफ पीला, गुलाबी या लाल कपड़ा बिछाएं.

3. चौकी के चारों ओर सुपारी रखें और कपड़े के ऊपर फूलों की पत्तियां भी डाल दें.

4. अब श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं और तैयार चौकी पर विराजित करें. पाटे पर विराजित करने के बाद उनके साथ फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा और 5 मोदक भी रख दें.

5. नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन से पूर्व कपूर की आरती करें और श्री गणेश से खुशी-खुशी विदाई की कामना करें और उनसे धन, सुख, शांति, समृद्धि के साथ मनचाहे आशीर्वाद मांगे. 10 दिन जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी कर लें.

6. श्री गणेश प्रतिमा को फेंकें नहीं उन्हें पूरे आदर और सम्मान के साथ वस्त्र और समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे बहाएं.

7. श्री गणेश प्रतिमा इको फ्रेंडली हैं तो उन्हें घर में विसर्जित कर अपने गमले में यह पानी डाल कर हमेशा लिए अपने पास रख सकते हैं. साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित करने की भी एक पहल कर सकते हैं.

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