घर में दो बच्चे तो ऐसे करें प्यार का बैलेंस

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घर में नए बच्चे के आते ही बड़े बच्चे से हमारी अपेक्षाएं अचानक बढ़ जाती हैं। नया बच्चा सबके आकर्षण का केंद्र बन जाता है और बड़ा बच्चा उपेक्षित महसूस करने लगता है। अगर आप दूसरी बार मां बनने वाली हैं तो नए बच्चे के स्वागत के लिए आपको अपने बड़े बच्चे को भी पहले से ही मानसिक रूप से तैयार करना होगा।

इसके लिए आप उसे पड़ोस या रिश्तेदारी में जन्मे नवजात शिशु के पास लेकर जाएं। उसे बताएं कि छोटा बच्चा कितना सोता और रोता है। बार-बार उसकी नैपी बदलनी होती है, उसे दूध पिलाना होता है। उसे कहानियां सुनाएं कि कैसे बड़ा भाई या बहन अपने छोटे भाई-बहन का ध्यान रखते हैं।

यदि आसपास में कोई नवजात बच्चा नहीं है तो आप यू- ट्यूब पर वीडियो दिखाकर भी उसे समझा सकती हैं। आप बच्चे के साथ चर्चा करें और योजना बनाएं कि कैसे वह नए बच्चे की देखरेख में मम्मी-पापा की मदद करेगा।

दिनचर्या संतुलित करें

नए बच्चे के जन्म के बाद आपको अपनी दिनचर्या इस तरह से संतुलित करनी होगी कि आप दोनों बच्चों को अपना पर्याप्त समय दे पाएं। आपको ऐसे उपाय तलाशने होंगे कि बड़े बच्चों की जरूरतों की अनदेखी भी न हो।

वैसे बच्चे के जन्म के बाद के शुरुआती चार माह तो आपके लिए कम मुश्किल भरे होंगे, क्योंकि नवजात बच्चा शुरुआत में सिर्फ दूध पीता है और सोता है। जैसे-जैसे वह बड़ा होगा, उसकी सक्रियता भी बढ़ेगी।

छोटा बच्चा भी आपके समय की मांग करेगा। इस दौरान आपको अपने दोनों बच्चों के रूटीन में सामंजस्य बिठाने की जरूरत होगी। अगर बड़ा बच्चा स्कूल जा रहा है तो आपकी परेशानी कुछ हद तक आसान हो जाएगी।

अगर उसने स्कूल जाना शुरू नहीं किया है तो दोनों बच्चों का रूटीन इस तरह से विकसित करने की कोशिश करें कि आप दोनों के साथ पर्याप्त वक्त बिता पाएं।

ब्रेस्ट फीडिंग का मतलब समझाएं
अगर आपके पहले बच्चे ने सिर्फ आपका ही दूध पिया है या फिर उसने कभी ब्रेस्ट फीडिंग नहीं की है तो भी उसे ब्रेस्ट फीडिंग का मतलब व महत्व समझाएं। उसे बताएं कि नवजात शिशु केवल मां का ही दूध पी सकता है। अगर उसे मम्मा का दूध नहीं मिलेगा तो वह भूखा रह जाएगा।

अगर बड़ा बच्चा अभी भी आपका दूध पीता है तो उसे समझाएं कि वह अब इतना बड़ा हो गया है कि दूध के अलावा अन्य चीजें खा-पी सकता है, लेकिन छोटा बेबी कुछ और नहीं खा सकता, इसलिए उसे ज्यादा दूध चाहिए होता है। कभी भी बच्चे को डांटकर या मारकर अपना दूध न छुड़वाएं।

जब आप नवजात को ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही हों तो अपने पहले बच्चे से बात करती रहें। जो हाथ खाली है, उससे बड़े बच्चे का सिर सहलाएं या उसके साथ कोई खेल खेलें। उससे कोई किताब मंगवाएं और उसे पढ़कर या कहानी सुनाकर व्यस्त रखें। आपके ऐसा करने से वह उपेक्षित महसूस नहीं करेगा।

बड़े बच्चे से मांगें मदद
अमूमन देखा गया है कि दूसरे बच्चे के आ जाने पर पहला बच्चा थोड़ा उदास हो जाता है। वह छोटी-छोटी बातों को अपने दिल से लगाने लगता है। उसे ऐसा लगता है कि मां को अब उसकी परवाह नहीं है, इसलिए जरूरी है कि आप पहले बच्चे का भी ध्यान रखें, ताकि वह नए बच्चे के आने से खुशी महसूस करे।

इसके लिए आप नए बच्चे से जुड़े काम में उसकी मदद मांग सकती हैं। जैसे कि बच्चे को पाउडर लगाते समय उसे भी हाथ से पाउडर लगाने को कह सकती हैं या उससे पूछें कि छोटे बच्चे को आज कौन-सा कपड़ा पहनाया जाए। जब आप टहलने जाएं तो दोनों को साथ लें।

बड़े बच्चे को नवजात बच्चे के प्रेम के साथ-साथ ही चलने को कहें और अपने छोटे भाई-बहन का ध्यान रखने के लिए कहकर उनमें नन्हे बच्चे से जुड़ाव पैदा करें। ऐसा करने में उसे मजा आएगा और वह धीरे-धीरे छोटे बच्चे के साथ जुड़ पाएगा।

उसे बच्चे को संभालने का तरीका भी समझाएं। खुद को अपने पहले बच्चे की जगह रख कर देखें। आप उसके मासूम सवालों का जवाब बेहतर तरीके से दे पाएंगी।

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