चंबल नदी से मुरैना एवं ग्वालियर को पानी इंटेकवेल से मिलेगा-कलेक्टर

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मुरैना- (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्री भास्कर लाक्षाकार ने बताया कि मुरैना एवं ग्वालियर को चंबल नदी से पानी प्रदाय किया जायेगा। इसके लिए मुरैना की तैयारियां हो चुकी है और ग्वालियर के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है कुछ कमियां लंबित है। उन्होने कहा कि इसके साथ साथ कैलारस को क्वारी नदी से और गोहद को कोतवाल बांध से पानी प्रदाय किया जावेगा। यह निर्देश पेयजल उपयोगिता समिति की बैठक में कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में उपस्थित अधिकारियो को दिए। इस अवसर पर आयुक्त नगरनिगम ग्वालियर (आईएसएस) श्री विनोद शर्मा, आयुक्त नगरनिगम मुरैना श्री डी.एस. परिहार, सिचाई विभाग श्री ए.के.झा, परियोजना प्रबंधक ग्वालियर, पीएचई ग्वालियर के श्री मौर्य सहित संबंधित नगर निगम एवं नगरपालिकाओ के अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री लाक्षाकार ने कहा कि मुरैना जिले को चंबल नदी से वर्ष 2018 में 18.987, वर्ष 2036 में 25.327, 2051 में 32.77 मि.घ.मी. पानी, कैलारस को क्वारी नदी से वर्ष 2018 में 0.876, वर्ष 2023 में 1.022, वर्ष 2048 में 1.0585 और गोहद नगरपालिका के लिए कोतवाल बांध से वर्ष 2018 में 4.43, वर्ष 2033 में 5.95 मि.घ.मी. एवं वर्ष 2048 में 7.82 मि.घ.मी.वार्षिक जल की आवश्यकता होगी।

उन्होने बताया कि कोतवाल बांध से 4.43 मि.घ.मी.वार्षिक जल प्राप्त करने के पूर्व नगरपालिका परिषद गोहद के प्राधिकृत अधिकारी को निर्धारित प्रारूप 7 (क) में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग गोहद जिला भिण्ड के साथ अनुबंध करना होगा।

आयुक्त नगरनिगम ग्वालियर श्री विनोद शर्मा ने कहा कि ग्वालियर और मुरैना को मिलने वाला पानी चंबल नदी से प्राप्त किया जावेगा, जिसमें भानपुर सर्किट हाउस के पास एक बडा इंटेकवेल बनाया जावेगा। जिसके माध्यम से एक पाईप लाइन मुरैना जिले के लिए एवं दूसरी पाईप लाइन ग्वालियर जिले के लिए बनाई जावेगी। उन्होने कहा कि मुरैना के लिए क्यूरीफाइड वाटर उपलब्ध कराया जावेगा जबकि ग्वालियर के लिए रॉवाटर उपलब्ध कराया जावेगा। आयुक्त नगरनिगम श्री शर्मा ने बताया कि जब वर्षात या सूखे की स्थिति निर्मित होगी तभी वर्षात के समय चंबल नदी के तेज बहाव से व्यर्थ फैलने वाले पानी को पाइप लाइन के द्वारा तिघरा, अपर ककैटो जैसे बांधो में स्टोर कर लिया जावेगा। उन्होने कहा कि आने वाले दिनो में पार्वती और क्वारी नदीयो को जोडने की पहल की जाए। इसके साथ ही रहू घाट पर चंबल पर बांध का निर्माण होने से नहरो में भी पानी उपलब्ध हो सकता है इसके लिए भी प्रयास किये जावे।

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