चाँद तुम छुप ना जाना . .

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चाँद तुम बदलियों में छुप ना जाना |
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तुमको ही मैंने सनम अपना माना ||
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जैसे ठंडक तुम में है, उसमें भी होगी |
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जैसी रंगत तुम में हैं, उसमें भी होगी||
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तुम हमारे बन गए हो, रोज़ आना|
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चांद तुम बदलियों में छुप न जाना ||
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यह हवाएं कह रही है बस तुम्ही हो |
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चूमती है यह निगाहें बस तुम्हीं को ||
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झील में चेहरा उभरता है तुम्हारा |
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चांद तुम बदलियों में छुप न जाना ||

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