छत्रपति शिवाजी की जयंति पर बुरहानपुर में सजीव शोभायात्रा निकाली गई

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बुरहानपुर – ईपत्रकार.कॉम |गुरू गोविंदसिंह जी की 350 वीं जयंति पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को छत्रपति शिवाजी एवं गुरू गोविंदसिंह जी के प्रकाश में शक्ति, भक्ति एवं संस्कृति की सजीव शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होकर निकाली गई। यह शोभायात्रा बुरहानपुर के जीजामाता चौराहे से प्रारंभ होकर शिकारपुरा गेट, महाजनापेठ, पांडुमल चौराहा, बाई साहेब की हवेली, फव्वारा चौक, गांधी चौक, कमल चौक, पांडुमल चौराहा, डाकवाड़ी, नेहरू प्रतिमा, जय स्तंभ मण्डी चौराहा, बुधवारा, दुर्गा मैदान सिंधीपुरा, गणपति मंदिर से होती हुई गुरूद्वारा बडी संगत पर संपन्न हुई। यात्रा का शुभारंभ प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने स्थानीय जीजामाता चौराहे पर स्थित जीजामाता और शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। चलसमारोह के साथ नगर निगम अध्यक्ष श्री मनोज तारवाला सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकगण मौजूद थे। इस चलसमारोह का शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थान-स्थान पर नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। लगभग 8 घंटे तक चले इस चलसमारोह में मंत्री श्रीमती चिटनिस पूरे समय शामिल रही।

उल्लेखनीय है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर आयोजित शोभायात्रा में सिक्खों के 10वें गुरू श्री गुरूगोविंदसिंह जी और शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। झांकियों में श्री गुरूगोविंदसिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना और शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दृश्यों को संजोया गया। इन झांकियों को भोपाल से आए कलाकारों ने घास, जुट का बारदान, लकड़ी, मिट्टी व अन्य सामग्रियों से आकार दिया। झांकियों में राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा हेतु प्राण न्यौछावर करने वाले श्री गुरूगोविंदसिंह जी, छत्रपति शिवाजी महाराज सहित अन्य वीरों की 7 झांकियों में दर्शाया गया। जिसका निर्माण भोपाल के 45 से अधिक कलाकारों द्वारा बुरहानपुर में ही किया गया। इन झांकियों का निर्माण अनुराग मेड़तिया की देखरेख में करीब 10 दिन और रातों की लगातार मेहनत के बाद पूर्ण हुआ। कुल 7 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर बनाई गई झांकियों में इन दोनो महापुरूषों के जीवन की प्रमुख घटनाओं को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित किया गया। प्रस्तुत झांकियों में श्री गुरूगोविंदसिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना और उनके द्वारा गुरू-चेले की अनोखी परंपरा, ‘‘सवा लाख से एक लड़ाऊं‘‘ वाक्य की सत्यता व भीकनशाह से प्रसंग को झांकी में प्रदर्शित किया गया। साथ ही झांकियों में शिवाजी महाराज के राजतिलक, सिंहगढ़ किले की चढ़ाई का दृश्य, समर्थ रामदास से दीक्षा लेते हुए शिवाजी महाराज की झांकी बनाई गई। इन झांकियों में श्री गुरूगोविंदसिंह की 350वीं जन्म शताब्दी पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस द्वारा म्यूजियम बनाने के लिए 17 करोड़ रूपए की स्वीकृति दिलाए जाने पर निर्माणाधीन म्यूजियम के प्रस्तावित मॉडल का भी प्रदर्शन भी किया गया।

नागरिकों के आकर्षण का केन्द्र रहा शिव ब्रम्हाण्ड ढोलताशा बैण्ड
शिवाजी जयंति पर आयोजित चल समारोह में मुम्बई का शिव ब्रम्हाण्ड ढोलताशा बैण्ड नागरिकों के आकर्षक का केन्द्र रहा। इस बैण्ड में लगभग 100 युवावादक, 36 ढोल, 12 ताशें तथा एक दर्जन ध्वजवाहक शामिल थे। यह बैण्ड चल समारोह के साथ शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरा।

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