जाति, लिंग, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए-वेंकैया नायडू

0

नई दिल्ली- (ईपत्रकार.कॉम) | उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आतंकवाद का कोई जात या धर्म नहीं होता और यह समाज तथा मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कश्मीर घाटी में धर्म का उपयोग उकसाने तथा आतंकवाद के लिए करने को लेकर परोक्ष रूप से पाकिस्तान के प्रयासों को संदर्भित किया और कहा,‘’कोई धर्म आंतकवाद नहीं सिखाता है नहीं उसका प्रचार करता है या नहीं उसका समर्थन करता है। एक आतंकवादी मानव नहीं होता है। दूसरे शब्दों में एक आतंकवादी राक्षस होता है।

धर्म तथा आतंकवाद को मिलाना नहीं चाहिए लेकिन कुछ बाहरी तत्व ऐसा कर रहे हैं। हमें ऐसे प्रयासों से सावधान रहना चाहिए।‘’ नायडू ने इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर द्वारा आयोजित डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के दूसरे स्मृति व्याख्यान में बोलते हुए कहा कि जातिवाद के खिलाफ पूरजोर आवाज उठानी चाहिए। यह काफी तेजी से अपनी प्रासंगिकता खो रहा है। उन्होंने कहा,‘’मैं अब को राजनीतिज्ञ नहीं हूं और मैं किसी पार्टी से संबंधित नहीं हूं। एक राजनेता को उसके आचरण, चरित्र,योग्यता तथा क्षमता के आधार पर चुनना चाहिए जाति के आधार पर नहीं।‘’

उन्होंने कहा कि जाति, लिंग, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे लोग जितनी भाषा सिख सकते हैं उतना सीखें, लेकिन वह पहली प्राथमिकता अपनी मातृ भाषा को दें चाहे वह उर्दू, हिंदी, तेलगु, तमिल या बंगाली हो। उन्होंने कहा,‘’सभी भाषाएं सुंदर हैं और वह लोगों को जोड़ती हैं।‘’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here