जावद क्षेत्र के विभिन्न गॉवों में एकात्म यात्रा का हुआ भव्य स्वागत्

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नीमच  – ईपत्रकार.कॉम |एकात्म यात्रा शनिवार को जावद से रवाना होकर मोडीमाता जी, सरवानिया महाराज, मोरवन एवं डीकेन पहुंचने पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने कलश यात्रा में भाग लेकर जगह-जगह पुष्पवर्षा की एवं यात्रा का आत्मीय स्वागत किया, तथा ध्वज, कलश एवं चरणपादुका का पूजन भी किया गया।

एकात्म यात्रा के दौरान विधायक जावद विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने एकात्म यात्रा के कलश को अपने सिर पर रखकर, ग्राम भ्रमण किया, और बैण्ड-बाजे एवं ढोल-ढमाको और धार्मिक भजनों की धुन के साथ जनसंवाद स्थल पर पहुंचे। महिलाओं ने गॉव में प्रवेश करते ही कलश यात्रा के रूप के साथ एकात्म यात्रा का स्वागत किया। यह एकात्म यात्रा आस्था और विश्वास के साथ आध्यात्म, एकात्मवाद एवं अद्वैतवाद के प्रति आम लोगो को जोडते हुए जावद क्षेत्र के विभिन्न गावों का भ्रमण करने के बाद डिकेन से मनासा क्षेत्र के कंजार्डा के लिए रवाना हुई। इस यात्रा के दौरान मोडीमाता जी, सरवानिया महाराज एवं डिकेन में जनसंवाद (धर्मसभा) का आयोजन हुआ।

धर्म सभा में एकात्म यात्रा के नेतृत्वकर्ता संत स्वामी संवित सोमगिरी जी महाराज बीकानेर, स्वामी भूमानंद सरस्वती जी महाराज, स्वामी उमानंद जी महाराज, महामण्डलेश्वर श्री सुरेशानंद जी शास्त्री, स्वामी नर्मदानंद जी महाराज, महंत श्री लालानाथ जी, म.प्र.अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) श्री भूपेन्द्र आर्य, मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री सुधीर गुप्ता, विधायक जावद श्री ओमप्रकाश सकलेचा, विधायक नीमच श्री दिलीप सिंह परिहार, यात्रा के जिला संयोजक श्री महेन्द्र भटनागर, श्री संतोष चौपडा, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुगना-पूरनमल अहीर, सरवानिया महाराज के न.प.अध्यक्ष श्रीमती पुखराज जाट, जनअभियान परिषद संभाग समन्वयक श्री वरूणाचार्य एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

सरवानिया महाराज एवं मोडीमाता में जनसंवाद (धर्मसभा) को संबोधित करते हुये संत स्वामी श्री संवित सोमगिरी जी महाराज ने आदि गुरू श्री शंकराचार्य के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि यह एकात्म यात्रा लोगो को जोडने का माध्यम बन रही है। उन्होने कहा कि एकाग्रता के लिए जीवन में कर्तव्य का पालन आवश्यक है। एकाग्रता के लिए मन का शांत होना भी जरूरी है। संत स्वामी सोमगिरी महाराज ने कहा कि बगैर कर्तव्य पालन के जीवन में एकाग्रता नहीं आ सकती। कर्तव्य से विमुख होने पर मन भटकने लगता है। एकाग्रता के लिये मन का शांत होना जरूरी है। एकात्म यात्रा घर-घर में शुरू होनी चाहीए। यह जो यात्रा चल रहीं है इसे 22 जनवरी 2018 तक ही सिमित न रखें इसे घर एवं अपने स्वयं के अन्दर निरन्तर चलने दे। एकात्म यात्रा में हम अकेले नहीं है पुरा भारत अपने से जुडा हुआ है, इसमें आप सभी भी आते है। आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा ज्ञान को लेकर यात्रा प्रारम्भ की गई थी। उनकी यात्रा का उद्देश्य किसी मत को परिवर्तन करना नहीं था। बल्कि पूरे भारत को एक करना था।

इस मौके पर म.प्र.अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) श्री भूपेन्द्र आर्य दर्जा प्राप्त यात्रा के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, विश्व कल्याण के उद्देश्य से यह यात्रा प्रारंभ की गई है। यह यात्रा न केवल मध्यप्रदेश में बल्कि संपूर्ण भारत देश में एक अनुकरणीय उदाहरण बन रही है। धर्म आस्था, विश्वास एवं सामाजिक समरसता एवं एकता का प्रतिक यह यात्रा संपूर्ण देश भी अपनायेगा।

विधायक जावद श्री ओकप्रकाश सकलेचा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि, आदि गुरू शंकराचार्य जी द्वारा प्रदेश की धरती पर आज से 12 सौ वर्ष पूर्व चरण रखे गये और उन्होंने सबको एकजुट रखने के लिये 4 मठों की स्थापना की इसी तारतम्य में यह यात्रा 19 दिसम्बर 2017 से प्रारम्भ होकर 21 जनवरी 2018 को ओंकारेश्वर में पूर्ण होगी। इस यात्रा में बडी संख्या में लोगो ने सहभागिता दी है। इस सहभागिता से ही ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची आदि गुरू शंकराचार्य जी की प्रतिमा स्थापित होगी।

कार्यक्रम को सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने सम्बोधित किया। यात्रा के दौरान शहर में विधायक श्री सकलेचा ने एकात्म यात्रा कलश को अपने सिर पर उठाकर कलश यात्रा के साथ नगर भ्रमण किया। वहीं श्री महेन्द्र भटनागर यात्रा के ध्वज थामे हुए चल रहे थे। एकात्म यात्रा के दौरान आयोजित जन संवाद में प्रारम्भ में आदि गुरू शंकराचार्य जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर पूजन अर्चन किया गया। तदपश्चात् मंचासिन अतिथियों ने कन्या पूजन भी किया। सांसद, विधायक एवं स्थानिय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने अतिथियों का पुष्पहारों से साधु-संतो का स्वागत् किया।

यह एकात्म यात्रा जावद से रवाना होकर मोडीमाता जी, सेमलीचंद्रावत, सरवानिया महाराज, मोरवन, समेल, जनकपुर, दडौली, दुधतलाई होते हुए डिकेन पहुचने पर इन गावों में जगह-जगह स्वागत द्वारा एवं स्वागत मंच बनाकर, बैंड बाजों, ढोल ढमाकों के साथ पुष्पवर्षा कर, एकात्म यात्रा का आत्मिय स्वागत किया गया। इन गांवों में महिलाओ ने उत्साहपूर्वक कलश यात्रा निकाल कर, एकात्म यात्रा का भव्य स्वागत किया।

मोडीमाताजी में जनसंवाद से पहले संत श्री संवित सोमगिरी जी महाराज एवं संतगणों ने मोडी माताजी में विधायक निधि एवं जनभागीदारी से 6 लाख रूपये के सहयोग से निर्मित होने वाली धर्मशाला का भूमिपूजन भी किया। म.प्र. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र आर्य ने जनभागीदारी एवं विधायक निधि से बनने वाले 9 लाख लागत के सामुदायिक भवन का भूमिपजून भी किया। संतगणों ने मोडी माताजी में निर्मित बावडी का अवलोकन किया। विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने मोडीमाताजी मंदिर के प्रति लोगो की आस्था, विश्वास एवं धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

इस मौके पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कमलेश भार्गव, अनुविभागीय अधिकारी जावद श्रीमती गरिमा रावत, एसडीओपी श्री नरेन्द्र सोलंकी, सीईओ श्री अर्पितगुप्ता सहित जिला अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारगणों एवं बडी संख्या में ग्रामीणजन एवं महिलाएं उपस्थित थी।