छतरपुर- (ईपत्रकार.कॉम) |राज्य मंत्री ललिता यादव की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान जिले के जल स्त्रोतों में उपलब्ध जल का बेहतर प्रबंधन कर उपयोग करने के संबंध में चर्चा की गई। इस अवसर पर विधायक पुष्पेन्द्र नाथ पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश प्रजापति, नपाध्यक्ष अर्चना सिंह, कलेक्टर रमेश भण्डारी, जिपं सीईओ हर्ष दीक्षित, एडीएम डी.के. मौर्य सहित अन्य अधिकारीगण एवं विभिन्न जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्ष उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्रीमती यादव ने कहा कि इस वर्ष जिले में अल्प वर्षा हुई है। अतः जिले के विभिन्न जलाशयों में उपलब्ध पानी का सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ बेहतर तरीके से उपयोग करें। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि पेयजल के लिए सीमित जल संसाधनों द्वारा पानी उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद सिंचाई एवं अन्य निस्तार के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य मंत्री ने कहा कि पीएचई एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि निरीक्षण कर सुनिश्चित करें कि पानी का बेहतर प्रबंधन कर उपयोग किया जा रहा है अथवा नहीं। उन्होंने जिला कलेक्टर को निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जलाशयों से पम्प लगाकर पानी का उपयोग करना वर्जित रहेगा तथा आवश्यकता पड़ने पर निजी जल स्त्रोत का अधिग्रहण करना भी संभावित है। जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश प्रजापति ने कहा कि लवकुशगनर एवं चंदला क्षेत्र में क्षतिग्रस्त नहरों एवं नालियों की मरम्मत तथा खराब हैण्ड पम्पों को चिन्हित करने का कार्य समय पर करना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री भण्डारी ने कहा कि जल संसाधन विभाग के तहत जिले में कुल 75 जलाशय निर्मित हैं। इनमें 3 वृहद 2 मध्यम एवं 70 लघु सिंचाई योजनाएं क्रियान्वित हैं। उक्त जलाशयों की कुल उपयोगी जल भराव क्षमता 572.36 मिली घन मीटर है, किन्तु इस वर्ष अब तक लगभग 550 मिमी औसत वर्षा होने एवं नदी नालों में जल का वांछित बहाव नगण्य होने के कारण जलाशयों में समुचित मात्रा में जल संग्रहण नहीं हो सका है। जिले के कुटनी, रनगुवां एवं उर्मिल जलाशय में क्रमशः 47, 11 एवं 8 प्रतिशत ही जल भराव हुआ है। इसी प्रकार बेनीसागर एवं सिंहपुर बैराज में क्रमशः 23 एवं 22 प्रतिशत ही जल भराव हो सका है। 54 जलाशयों का जल भराव नगण्य है, जबकि 7 जलाशयों में 0 से 24 प्रतिशत, 4 जलाशयों में 25 से 49 प्रतिशत तथा केवल 5 जल संरचनाओं में ही 50 से 100 प्रतिशत तक जल भराव हो सका है। बिजावर, ईशानगर, राजनगर, नौगांव, बारीगढ़ एवं लवकुशनगर ब्लॉक में कोई भी लघु जलाशय न्यूनतम भराव स्तर तक नहीं आ सका है। केवल बड़ामलहरा एवं बक्स्वाहा क्षेत्र में कुछ जलाशयों में औसतन 40 से 50 प्रतिशत तक जल भराव हुआ है।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री सुनील प्रभाकर ने बताया कि उपलब्ध जल की मात्रा के आधार पर केवल 15 जलाशयों से रबी सिंचाई के लिए केवल पलेवा हेतु ही कुल 31 हजार 420 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। उन्होंने संबंधित कमाण्ड क्षेत्र के किसानों से कम पानी वाली फसलें लगाने की अपील की है। जिले के कुल 60 जलाशयों से रबी सिंचाई के लिए पानी का उपयोग करना प्रतिबंधित रहेगा।