नरसिंहपुर – ईपत्रकार.कॉम |जिले में विशेष पर्यटन अभियान ‘नवरंग नरसिंहपुर’ के अंतर्गत जिले की विरासत, धरोहरों, राष्ट्रीय, ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पर्यटन की गतिविधियों को जिले में बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन उत्सव का आयोजन 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इसी कड़ी में साईकिल से उमंग यात्रा के पश्चात विधायक जालम सिंह पटैल के मुख्य आतिथ्य में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज नरसिंहपुर के सभागार में सोमवार को सुबह विरासत पर चर्चा हुई। इस चर्चा में जिलावासियों विशेष रूप से युवा वर्ग से अपेक्षा की गई कि जिले की विरासत को जानें-पहचानें, उसके महत्व को समझें और उस पर गौरव करें।
इस अवसर पर विधायक श्री पटैल ने कहा कि जिले का इतिहास वैभवशाली एवं गौरवशाली है। हमें अपनी विरासत के बारे में जानना चाहिये। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की पहल सराहनीय है। पर्यटन से विकास को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि जिले के महत्वपूर्ण स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने जिले में आदिगुरू शंकराचार्य के गुरू से जुड़े सांकल घाट, चौगान किला, नीलकुंड घाट आदि के बारे में चर्चा की। श्री पटैल ने महादेव पिपरिया के सामने डोंगरगांव में पहाड़ी की गुफाओं को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। इस स्थान पर पहाड़ी में पानी का रिसाव होता है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार ने जिले में 23 से 25 अक्टूबर तक आयोजित किये जा रहे पर्यटन उत्सव की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष पहल की जा रही है। जिले में विशेष पर्यटन अभियान के अंतर्गत जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जायेगा। जिले के प्राकृतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय, धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थानों को चिन्हित कर उन्हें विकसित किया जायेगा। इस बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जायेगी। इसके लिए वातावरण निर्माण किया जायेगा। सरसला की पहाड़ियों में ईको-टूरिज्म की संभावनायें तलाशी जायेंगी।
अपर कलेक्टर जे समीर लकरा ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों पर फोकस करने से क्षेत्र का विकास अच्छी तरह से होता है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में पर्यटन के कारण काफी विकास हुआ है। जिले में अनेक धरोहर हैं, जिन्हें सामने लाकर पहचान दिलाने की आवश्यकता है। हमें इन धरोहरों को सामने लाना होगा, जिससे लोग इनके प्रति आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि जिले के चार- पांच विशेष स्थानों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
सुनील कोठारी ने कहा कि विरासत के रूप में जिले में अनेक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान हैं। इन स्थानों के बारे में हमें जानकारी होना चाहिये। हम इन स्थानों पर जायें और इनके इतिहास के बारे में जानें। जिले में स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले पूर्वजों के संघर्ष को जानें और गौरव का अनुभव करें। उन्होंने नरसिंह मंदिर, चौगान किला, मदनपुर, ढिलवार आदि का उल्लेख किया।
इस मौके पर एसडीएम राजेन्द्र राय, जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर, तहसीलदार संजय नागवंशी, डीपीसी एसके कोष्टी, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी प्रभात कनौजे, जिला खेल अधिकारी संतोष राजपूत, परियोजना अधिकारी अनिल पटैल, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन राजेश तिवारी, छात्र- छात्रायें, शिक्षक, खिलाड़ी, युवा, और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा ने किया।