जो चाहे मांग लेना, खून भी दे सकता हूं-शिवपाल

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लखनऊ: ‘यादव परिवार’ के हालिया विवाद की तल्खी भले ही कम हो गई हो, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का दर्द आज पार्टी के शताब्दी समारोह में छलक पडा। यादव ने यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित पार्टी के शताब्दी समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा, जो चाहना मांग लेना, खून भी दे सकता हूं। मुख्यमंत्री बनने की चाहत कभी नहीं रही। सरकार में मैंने भी बहुत काम किया है। सबकुछ सह सकता हूं लेकिन नेताजी का अपमान नहीं सह सकता।

भाषण के दौरान दिखे भावुक
शिवपाल भाषण के दौरान वह कई बार भावुक भी दिखे। सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में कुछ घुसपैठिये आ गये हैं। उनसे हमेशा सावधान रहना। पार्टी को मजबूत बनाना है। गुटबन्दी खत्म कर अनुशासन में रहते हुए सरकार बनायेंगे। पद से व्यक्ति बडा नहीं होता। डा. राममनोहर लोहिया और महात्मा गांधी के पास कोई पद नहीं था। दोनों ही पूरी दुनिया में अपना स्थान रखते हैं।

पार्टी में जान देने वालों को कुछ नहीं मिला
अपने संघर्षो को याद करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि एक वह भी दिन थे जब महिलाएं लाठी से हम लोगों को बचाती थीं। समाजवादी महिलाओं को तरजीह मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा, कुछ लोगों को विरासत में बहुत कुछ मिल जाता है और कुछ लोगों का जीवन संघर्ष में ही बीत जाता है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अभी भी उपेक्षित हैं जबकि चापलूस सरकार का पूरा मजा ले रहे हैं। पार्टी में जान देने वालों को कुछ नहीं मिला। संघर्षो के दिनों में मैंने भी बहुत काम किया है। मैंने भी बहुत जोखिम उठाये हैं। मैंने भी सरकार में बहुत काम किया है।

अधिकारियों ने रोडे अटकाने का काम किया
उन्होंने कहा कि राजस्व संहिता लागू करवाकर गरीबों को मदद पहुंचाई है। साढे तीन हजार तालाब खुदवाएं हैं। 25 सहकारी बैंको को बन्द होने से बचाया है। अधिकारियों ने रोडे अटकाने का काम किया फिर भी सरकार में जो भी जिम्मेदारी दी गई उसे बखूबी निभाया। इससे पहले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा, पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, जनता दल (यू) नेता शरद यादव, इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला, वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी समेत समारोह में आये लोगों का उन्होंने स्वागत किया।

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