बृहस्पतिवार को भगवा अथवा गेरुआ रंग के कपड़े पहनें, पूजन के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करें। किसी प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग अथवा घर में विराजित पारद शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। सर्वप्रथम शिवलिंग को पानी में कुशा मिलाकर स्नान करवाएं। शिवलिंग पर पीला कच्चा सूत अथवा मौली चढ़ाएं। पीतल के दिए में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। चंदन की धूप जलाएं। पीले फूल चढाएं। शिवलिंग पर पीत चंदन का लेप लगाएं। दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें। शिवलिंग पर पीपल के पत्ते चढ़ाएं। प्रसाद स्वरुप बेसन का हलवा अर्पित करें। तत्पश्चात बाएं हाथ की हथेली में केले की जड़ लेकर आभाव में पीली सरसों हाथ में लेकर दाएं हाथ से रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
मंत्र: ॐ वं विश्वनाथाय वशङ्कराय नमः शिवाय
जाप पूरा होने के बाद पीली सरसों के दाने दोनों हाथों में लेकर परमेश्वर से प्रार्थना करें तथा इच्छित वर मांगें। पूजा संपूर्ण होने के उपरांत ये पीली सरसों के दाने पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में छुपाकर रख दें। 43 दिन के बाद पीली सरसों के दानों को चौराहे पर फैंक दें, फिर देखें जीवन में होने लगेंगे चमत्कार। इसके अतिरिक्त इस उपाय से शिव जी का वरद हस्त आप पर बना रहेगा। आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ती होगी। भोग मोक्ष काम सभी वर्गों में सफलता प्राप्त होती है।