देश के लिये त्याग कर रहे विस्थापित परिवारों की पूरी चिंता करेगी सरकार – मुख्यमंत्री श्री चौहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरदार सरोवर डूब प्रभावितों का पूरा ख्याल रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि डूब प्रभावित क्षेत्र के परिवार देश के लिये त्याग कर रहे हैं। उनके लिये सारी व्यवस्थाएं बेहतर बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने डूब प्रभावितों के लिये कई घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास पर बडवानी और धार जिलों के सरदार सरोवर बांध डूब प्रभावित गांवों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर धार जिले के प्रभारी मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना बोर्ड के अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, पूर्व विधायक श्री देवी सिंह, पुनर्वास संघ के श्री महेश तिवारी, श्री गजेन्द्र पटेल और बडी संख्या में विस्थापित गांवों के लोग उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि यह विशेष परिस्थिति है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन भी करना है और पुनर्वास के पूरे इंतजाम भी करना है। सरदार सरोवर बांध 138 मीटर तक भरने से पहले निश्चित समय से पहले पुनर्वास स्थलों पर जाना पडेगा। उन्होंने डूब प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि सारी व्यवस्थाएं बेहतर बनाई जायेंगी। सरकार पूरी चिंता करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डूब प्रभावित जिन परिवारों को मकान बनाने के लिये पैसे मिल गये थे और खर्च हो गये ऐसे सब परिवारों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक लाख 32 हजार रुपये का अलग से पेकेज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बरसात में मकान बनाना मुश्किल है इसलिये ऐसे परिवार बरसात के समय तक पुनर्वास स्थल के अलावा भी किराये से मकान लेकर लेकर रहते हैं तो 40 हजार रूपये किराये के और 20 हजार भोजन के मिलाकर कुल 60 हजार का अलग पैकेज दिया जायेगा। उनके आग्रह पर अस्थाई मकान भी बनाकर दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि के बदले पैकेज लेने वाले 1783 परिवारों ने सरकार का साथ दिया और उस समय पैकेज लिया। ऐसे परिवार बढ़े हुए पैकेज से वंचित रह गये हैं। उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे। जिन्होंने रजिस्ट्री नही करवाई थी और केवल एक किश्त ली थी उन्हें 15 लाख रूपये का पैकेज देने का फैसला लिया गया है। इसके लिये जितनी भी धनराशि जरूरी है सरकार देगी। उन्होंने कहा कि 8821 विस्थापित परिवार और लगभग 8000 अन्य परिवार ऐसे है जिनके पास डूब क्षेत्र के बाहर पक्का मकान नहीं है। उन्हें मकान बनाने के लिये राशि उपलब्ध कराई जायेगी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित परिवारों के आने जाने की व्यवस्था भी की जायेगी। जो स्वयं की व्यवस्था से जाना चाहते हैं उन्हें भी मदद दी जायेगी। मुफ्त परिवहन के लिये 5000 रूपये अलग से दिये जायेंगे। पहुंच विहीन खेतों के लिये जहां पुल या सड़क बनाना जरूरी हो वहां पूरी व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुनर्वास स्थलों पर बिजली, पेय जल, सीमेंट स्वास्थ्य संबंधी सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध रहेंगी। कडमाल खापर खेडा, मेहल्गांव में सडक और पुल बनाया जायेगा ताकि किसान अपने खेतों तक पहुंच सकें। डूब में आने वाले कोटेश्वर मंदिर और अन्य पूजा स्थलों को डूब क्षेत्र के बाहर अन्य क्षेत्र में पुन: स्थापित करने की कोशिश की जायेगी। साथ ही घाट बनाने का काम भी होगा।

श्री चौहान ने कहा कि जिन्होंने प्लाट के बदले 50 हजार रूपये लिये थे और अब उनके पास अब न तो पैसे हैं और न ही प्लाट है उन्हें फिर से प्लाट देने की व्यवस्था की जायेगी। प्लाट को समतल करके देने का काम विभाग करेगा।

श्री चौहान ने कहा कि जिन किसानों ने मेहनत से बिजली लाइन ली है और खेत डूब क्षेत्र में नहीं आ रहे हैं उनकी बिजली नहीं काटी जायेगी। विस्थापित मछुआरों को डूब क्षेत्र में मछली मारने के अधिकार दिये जायेंगे। कुम्हारों के लिये प्लाट नियत कर ईंट बनाने के लिये स्थान दिया जायेगा। उन्हें फलाईऐश से ईंट बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा और उनकी ईंटे प्रधानमंत्री आवास योजना में खरीदी जायेगी।

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