देश में 6 हजार से ज्यादा हैं विलफुल डिफॉल्टर्स

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सिर्फ शराब व्यापारी विजय माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया नहीं है बल्कि देश भर में जानबूझकर लोन न चुकाने वालों पर बैंकों का 74 हजार 699 करोड़ रुपये बकाया है.

सिबिल की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि बीते तीन सालों में भारत के अंदर डिफॉल्टरों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है. दिसंबर 2015 तक देश में कुल 6 हजार 819 विलफुल डिफॉल्टर हैं. विलफुल डिफॉल्टर उन्हें कहा जाता है जो लोन चुकाने में सक्षम होने के बावजूद पैसे वापस नहीं करते. सिबिल एजेंसी बैंकों की देनदारी की जांच करने का काम करती है. अगर दिसंबर 2012 के आंकड़ें देखें तो

अंग्रेजी अखबार  में छपी खबर के मुताबिक इस सूची में सबसे ऊपर ‘विंसम डायमंड्स-फॉरेवर प्रिशियस ग्रुप’ का नाम है. इस कंपनी को बैंकों के 3 हजार 969 करोड़ रुपये चुकाने हैं. इसके बाद ‘जूम डेवलेपर्स (1,911 करोड़)’, ‘एस कुमार्स- रीड एंड टेलर(1,789 करोड़)’ का नंबर है.

ये हैं टॉप विलफुल डिफॉल्टर्स

1. विंसम डायमंड्स (3,969 करोड़ रुपये)

2. जूम डेवलेपर्स (1,911 करोड़ रुपये)

3. एस कुमार्स-रीड एंड टेलर (1,789 करोड़ रुपये)

4. पर्ल पिक्सियन ग्रुप कंपनी (1,226 करोड़ रुपये)

5. किंगफिशर एयरलाइंस (1,789 करोड़ रुपये)

6. डेक्कन क्रोनिकल (991 करोड़ रुपये)

7. एक्सएल एनर्जी (652 करोड़ रुपये)

8. बीटा नेपथॉल (951 करोड़ रुपये)

9. जायलॉग सिस्टम्स (440 करोड़ रुपये)

10. टेली डाटा ग्रुप कंपनीज (577 करोड़ रुपये)

 

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