धार – ईपत्रकार.कॉम |कमिश्नर श्री संजय दुबे ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे अपने-अपने न्यायालयों में दर्ज नामांतरण, सीमाकंन, बंटवारे, जैसे प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से करें ताकि नागरिकों को अनावश्यक परेशानी न हों। उन्होंने बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि शत्-प्रतिशत राजस्व प्रकरण आरसीएमएस में दर्ज हो। जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी इस आशय का प्रमाण पत्र भी दें। राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों के निराकरण को राजस्व विभाग के पोर्टल आर.सी.एम.एस. पर भी अवश्य दर्ज करें। बैठक में राजस्व न्यायालयवार नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों एवं अन्य राजस्व निराकरण की समीक्षा की।
बैठक में कलेक्टर श्री श्रीमन् शुक्ला, अपर कलेक्टर श्री डी.के. नागेन्द्र, अपर आयुक्त श्री आनन्द शर्मा, डिप्टी कमिश्नर सपना शिवाले सहित जिले के सभी एस.डी.एम. व तहसीलदार/नायब तहसीलदार व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
कमिश्नर श्री दुबे ने जिले के सभी तहसीलदारों के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि आरसीएमएस पोर्टल में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, रिकार्ड दुरूस्ती तथा डायवर्सन संबंधी प्रकरणों को दर्ज करते हुए उनका शीघ्र निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि कम से कम अवधि में दर्ज प्रकरणों का निराकरण कर लोगों को राहत दी जा सकती हैं।
बैठक में कमिश्नर श्री दुबे ने कहा कि दो वर्ष एवं पांच वर्ष से अधिक अवधि के लंबित प्रकरण नामांतरण, सीमांकन, अविवादित बटंवारा, तथा शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण आदि से संबंधित प्रकरणों के निराकरण एक सप्ताह के अन्दर शत-प्रतिशत किया जाना सुनिश्चित करें। कुछ लंबित प्रकरणों का निराकरण समय पर नहीं किए जाने के कारण कमिश्नर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई तथा निराकरण कियें जाने हेतु कड़े निर्देश दिये गये है। इसी क्रम में आवासहीनों को आवासीय पट्टा प्रदाय हेतु भूमियों का चिन्हांकन करने हेतु निर्देशित किया। राजस्व अधिकारियों को रोस्टर निरीक्षण का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिए। उन्होने प्रकरणों को गम्भीरता से निराकरण करने के निर्देश देते हुये कहा कि किसी भी राजस्व न्यायलय मे यदि निर्देश के बावजूद भी प्रकरण लंबित पाये गये तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेंगी।
कमिश्नर श्री संजय दुबे ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा में कहा कि जिन किसानों को निःशुल्क खसरा-खतौनी-बी-1 को प्राप्त नही हुई है, वे प्रमाण के साथ शिकायत करता है तो उसे एक हजार रूपये का ईनाम दिया जावेगा। यह राशि संबंधित तहसीलदार के वेतन से दी जावेगी। उन्होने सख्त निर्देश दिए कि ऐसे कोई भी किसान वंचित न रहे, जिन्हे बी-1 का वितरण किया जाना शेष है।
उन्होने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अविवादित नामांतरण एवं वंटवारे के पुराने प्रकरण लंबित न रहे। उन प्रकरणों को तत्परता के साथ निराकरण की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, रिकार्ड सुधार जैसे शत प्रतिशत प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज होने चाहिए तथा अविवादित प्रकरणों का निराकरण 30 अक्टूबर के भीतर हो जाने चाहिए। किसानों को खसरा-खतौनी की नकलें निःशुल्क वितरित किये जाने के अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाये। राजस्व न्यायलय में धारा 107-‘5 के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिया गया। बैठक के पश्चात कमिश्नर श्री दुबे ने ग्रामीणों से भी चर्चा की तथा समस्याओं के संबंध में आवेदन लिए।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के पूर्व कमिश्नर श्री संजय दुबे ने कलेक्टर कार्यालय स्थिति जिला राजस्व अभिलेख कक्ष व एसडीएम कार्यालय का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री श्रीमन् शुक्ला, अपर कलेक्टर श्री डी.के. नागेन्द्र, डिप्टी कमिश्नर सपना शिवाले, एसडीएम धार सुश्री भव्या मित्तल मौजूद थे।