नोटबंदी पर RBI गवर्नर को तलब करेगी PAC

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नई दिल्लीः लोक लेखा समिति (पीएसी) ने अगले महीने आर.बी.आई. गवर्नर और वित्त मंत्रालय के टॉप अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। बैठक में नोटबंदी के बाद आर्थिक हालात की समीक्षा की जा जाएगी।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता केवी थॉमस की अध्यक्षता वाली पीएसी के सदस्यों ने गुरुवार को सर्वसम्मति से यह फैसला किया। कमेटी ने फैसला किया है कि जनवरी में वह अर्थव्यवस्था का जायजा लेने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को अपने समक्ष बुलाएगी।

जनवरी माह में होगी समीक्षा
बैठक के बाद थॉमस ने बताया, ‘पीएसी की बैठक में हमने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है कि जनवरी के पहले या फिर दूसरे सप्ताह में हम रिजर्व बैंक के गवर्नर, आर्थिक मामलों के सचिव और वित्त सचिवको नोटबंदी के बाद आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के लिए कमेटी के पास बुलाएंगे।’ उन्होंने कहा कि इसके लिए तारीख रिजर्व बैंक गवर्नर की उपलब्धता को देखकर तय की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से वापस लेने की ऐलान किया था। अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से चालू वित्त वर्ष के दौरान जी.डी.पी. की ग्रोथ कम रह सकती है।

हालांकि, कई अनुमानों में ग्रोथ रेट 0.5 से लेकर 2 फीसदी तक कम रहने की बात कही गई है। जुलाई-सितंबर के दूसरे क्वॉर्टर के जी.डी.पी. आंकड़े जारी होने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बीते बुधवार को कहा था, ‘हमारे पास पहली छमाही के वास्तविक आंकड़े अब उपलब्ध हैं। इनसे इकॉनमी के मजबूत होने का पता चलता है। हालांकि, दूसरी छमाही के लिए हमें इंतजार करना होगा, इस मामले में अभी काफी अनिश्चितता है। हमें कुछ भी कहने से पहले स्थिति की समीक्षा करनी होगी।’

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक ग्रोथ 7.3 फीसदी रही है। पहली तिमाही में यह 7.1 फीसदी थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में सरकार के नोटबंदी के कदम को प्रबंधन की बड़ी विफलता करार देते हुए कहा था कि इससे जी.डी.पी. ग्रोथ में 2 फीसदी तक कमी आ सकती है।

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