पठानकोट हमलाः पाकिस्तान से बात तो होगी, पर मुद्दा होगा सिर्फ आतंक के खिलाफ कार्रवाई

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पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से बातचीत पर सख्त रुख अपना लिया है. भारत ने साफ कर दिया है कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता यदि होती है तो पाकिस्तान भी यह सुनिश्चित करे कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी गुटों पर लगाम लगाएगा. यानी इस वार्ता में मुद्दा पाकिस्तान की कार्रवाई का ही रहेगा. वार्ता इसी महीने 14-15 जनवरी को होनी है.

ताकि बनी रहे लाहौर वाली गर्माहट
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है. कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भले ही कार्रवाई का भरोसा दिया है, वहां की फौज ने भी सरकार का साथ देने के संकेत दिए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे से जो गर्माहट पैदा हुई थी उसे बनाए रखने के लिए यह नाकाफी है. पाकिस्तान को दिखाना तो पड़ेगा कि उसने कोई कार्रवाई की है

मसूद अजहर की गिरफ्तारी जल्द नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि संभव है जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की गिरफ्तारी जल्द न हो पाए, पर उसके छद्म धार्मिक गुटों पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए. पाकिस्तान को इन गुटों और आतंकी कैंपों को बंद करना चाहिए. भारत इसके सबूत पाकिस्तान को सौंप चुका है कि पठानकोट के आतंकी सीमापार से ही आए थे. आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान दोबारा कह सकता है कि भारत के दिए सबूत नाकाफी हैं.

अजीज बोले- 14-15 को ही होगी वार्ता
शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता 14-15 जनवरी को तय वक्त पर ही होगी. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार का भी मानना है कि वार्ता टालने या रद्द करने का मतलब अब तक के प्रयासों पर पानी फेरना होगा. पाकिस्तान सरकार और सेना मिलकर भारत की ओर से सौंपे गए सबूतों की जांच कर रही हैं. वैसे पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन इस बातचीत के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसे माहौल में बात नहीं हो सकती. यह वार्ता रद्द होनी चाहिए.

US ने भी कहा- जल्दी कार्रवाई करे पाक
अमेरिका ने भी पाकिस्तान सरकार से कहा है कि पठानकोट हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. शरीफ ने भी अमेरिका विदेश मंत्री जॉन केरी से कहा है कि वह पारदर्शी तरीके से जांच कर रहे हैं और सच सामने लाएंगे. पाकिस्तानी पीएमओ ने भी बयान जारी कर कहा है कि ‘हमारी कार्रवाई और ईमानदारी दुनिया देखेगी.’ अमेरिका ने यह भी कहा है कि 26/11 हमले के सबूत सौंपे जाने के बाद अब तक पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया.

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