कलेक्टर जे.पी. आईरीन सिंथिया की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग से संबंधित योजनाओं के शत प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की जाए। जिले की शिशु एवं मातृ मृत्युदर की स्थिति में सुधार लाने के लिए अधिकारी एवं मैदानी कर्मचारी अपने दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करें।
कलेक्टर श्रीमती सिंथिया ने कहा कि जन्म लेने वाले प्रत्येक शिशु का टीकाकरण कार्ड होना चाहिए। नियमित रूप से टीकाकरण करने के उपरांत कार्ड में दर्ज करें। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में जाने वाले बच्चे की विस्तृत जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज होनी चाहिए। कुपोषित बच्चे की जानकारी पृथक से दर्ज कर उसे उपचार एवं पोष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ उसके स्वास्थ्य की जानकारी पंजी में दर्ज की जानी चाहिए। इसी प्रकार प्रत्येक बच्चे का वजन पंजी में दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने पोषण आहार में किसी तरह की गडबडी होने पर तत्काल जानकारी पर्यवेक्षक एवं खण्ड परियोजना अधिकारी को दें। जिन क्षेत्रों में साझा चूल्हा के अन्तर्गत बनने वाले पोषण आहार में दिक्कत आ रही है वहां नये स्व-सहायता समूह से कार्य कराया जाए। यदि क्षेत्र में स्व सहायता समूह नही है तो नये स्व सहायता समूह गठन की जानकारी जनपद पंचायत को दी जाए। जिससे नये समूह का गठन किया जा सके।
उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में आयरन की गोलियां एवं अन्य औषधियों के संबंध में चर्चा की। उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना के शत प्रतिशत प्रमाण पत्रों का वितरण इसी सप्ताह कर लिया जाए। प्रत्येक लाभान्वित माता एवं बच्चे को पोर्टल पर दर्ज कराएं। किराए के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों को शासकीय भवनों में संचालित किया जाए। इन स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन बन गए हैं उन भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र तुरंत प्रारंभ कराएं। इसके अलावा क्षेत्र के स्कूलों में खाली पडे कमरे में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित कराए जाएं। उन्होंने किचन गार्डन के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए बीज किट के उपयोग के संबंध में कहा कि प्रत्येक बीज किट के उपयोग की जानकारी उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत क्षेत्र में लगने वाले नसबन्दी शिविर में अधिक से अधिक पात्र दम्पत्तियों की नसबंदी कराने का कार्य समय रहते करें। इस कार्य के लिए पूर्व में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लक्ष्य दिए गए थे। दिए गए लक्ष्य के अनुसार नसबन्दी कराएं। नसबन्दी संबंधी जानकारी प्रत्येक माह पोर्टल पर दर्ज कराई जाए। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि इन स्वास्थ्य केन्द्रों में मरम्मत की आवश्यकता है या अन्य कोई आवश्यकता है। उसकी जानकारी लिखित रूप में दें। जिससे केन्द्रों में कार्य कराया जा सके। प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ गुणवत्तायुक्त सेवाएं आम आदमी को उपलब्ध कराए। दायित्व निर्वहन में लापरवाही करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की वेतन रोकी जाए। सम्पन्न हुई बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती सुशीला कुसराम के साथ सभी खण्ड स्तरीय चिकित्सा अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।