पूजा, विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के लिए मनाया जाता है। पीला रंग इस दिन शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन से बसंत रितु की शुरुआत मानी जाती है और यही समय फसलों के पक कर तैयार होने का समय होता है।
उत्तर भारत में सरसों के पीले फूल भी पक कर इसी सीजन में तैयार होते हैं और प्रकृति को पीले रंग में रंग देते हैं। लोग भी इस दिन पीले कलर के वस्त्र पहनते हैं, पीले फूल देवी के चरणों में चढ़ाते हैं और माथे पर पीला तिलक भी लगाते हैं। देवी सरस्वती भी स्वयं उजले वस्त्र धारण करती हैं साथ ही उनका वाहन हंस भी सफेद होता है जो ज्ञान और विद्याधन की तरफ संकेत करता है। उनका सफेद वस्त्र शुद्धता की तरफ संकेत करता है। उनका सिंहासन कमल विजडम की तरफ संकेत करता है।
महिलायें भी इस दिन ऐसे ही सफेद और पीले वस्त्र को धारण करती हैं जो उन्हें विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती के करीब लाता है।