पूजा से पहले गाय के गोबर से पूजन के स्थान को पवित्र क्यों करना चाहिए?

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हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास माना गया है। गाय के पूरे शरीर को ही पवित्र माना गया है लेकिन गाय का गोबर सर्वाधिक पवित्र माना जाता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गाय के मुख वाले भाग को अशुद्ध और पीछे वाले भाग को शुद्ध माना जाता है।साथ ही गोबर में लक्ष्मी का निवास माना गया है। इसीलिए जब भी कोई पूजन कार्य किया जाता है या हवन जैसा कोई बड़ा धार्मिक कार्य किया जाता है तो उस जगह को गाय के गोबर से लिपा जाता है।

ऐसा क्यों होता है?
जिस चीज को अपवित्र कहा जाता हो वही गोबर जब गाय का होता है तो उसे पवित्र मान लिया जाता है। क्या इसके पीछे भी कोई कारण है? गोबर भयानक रोगों को भी ठीक करने में सहायक है। दरअसल गोबर से कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है इसलिए पुराने जमाने में जब भोजन गोबर के उपले और लकडिय़ों से बनता था तो कई तरह की बीमारियां नहीं होती थी। जो आज हमें देखने को मिलती है।इसके बैक्टिरिया अन्य कई जटिल रोगों में भी फायदेमंद होते हैं। गोबर का धुआं अपने आस-पास के वातावरण को भी शुद्ध रखता है। इसके धुएं से घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

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