पोषण स्मार्ट विलेज बनाने सभी विभाग समन्वित रूप से कार्य करें- कलेक्टर

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संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार जिले के सात विकासखण्ड के सात गांवों को पोषण स्मार्ट विलेज बनाने के संबंध में कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी तथा वन विभाग के अधिकारियों को समन्वय कर चयनित गांव को पोषण स्मार्ट विलेज बनाने के निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि गांव के प्रत्येक बच्चे के परिवार की प्रोफाईल तैयार की जाए और यह देखा तथा विश्लेषण किया जाए कि किन कारणों से बच्चों में कुपोषण हुआ है। साथ ही उन परिवारों का भी विश्लेषण किया जाए जिनके बच्चे कुपोषित नहीं हैं और उसी के अनुरूप कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सामान्यतः कुपोषण का मुख्य कारण माता-पिता में पोषण आहार के प्रति जानकारी का अभाव तथा आर्थिक अभाव होता है। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। कुपोषण को दूर करने के लिए प्रचार-प्रसार और जागरूकता के साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारी कुपोषित बच्चों के परिवारों को पात्रतानुसार शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें।

कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि चयनित गांव को पोषण स्मार्ट विलेज बनाने के लिए सरपंच, पंच सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। कार्ययोजना में गांव के जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। उन्होंने इस कार्य में एनआरएलएम के स्व-सहायता समूहों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। पोषण स्मार्ट विलेज के बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र नकतरा की लक्ष्मी चक्रवर्ती ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।

पोषण स्मार्ट विलेज के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना
बैठक में जानकारी दी गई कि पोषण स्मार्ट विलेज के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना रोडमेप के तहत इन गांव में सब्जियों की उपलब्धता के लिए पोषण वाटिका का निर्माण किया जाएगा। साथ ही कुपोषण के लिए जागरूकता का प्रचार-प्रसार व प्रारंभिक से बचाव तक प्रयास, स्वच्छता के लिए प्रचार-प्रसार, उन्नत किस्म के फल वृक्षों का रोपण, बैकयार्ड पोल्ट्री एवं बकरी पालन के लिए जागरूकता का प्रचार-प्रसार एवं प्रदाय करना तथा उन्नत नस्ल के दुधारू जानवरों के प्रचार-प्रसार

इसी प्रकार इन गांवों में मिश्रित खेती का प्रचार-प्रसार व तकनीकी मार्गदर्शन द्वारा उन्नत कृषि के लिए विभागीय योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाना, जैविक खेती के लिए प्रचार-प्रसार व यूनिट निर्माण, ईधन संरक्षण के लिए बायो गैस प्लांट का निर्माण, जल संरक्षण के लिए संरचनाओं का प्रचार-प्रसार व निर्माण, कृषि की नई तकनीकों का प्रचार-प्रसार व इनपुट प्रदान करना, उन्नत किस्म के बीजों का वितरण एवं बीजों का संरक्षण प्रशिक्षण शामिल हैं।

प्रस्तावित कार्ययोजना में मत्स्य पालन एवं मशरूम उत्पादन के लिए जागरूकता का प्रचार-प्रसार एवं प्रदाय करना, मूल्य संवर्धन व आहार आयोजन तथा बाजार विपणन एवं आय उपार्जन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। लघु उद्योग के लिए प्रशिक्षण व बैंकिंग वित्तीय सहायता दी जाएगी तथा कृषि में श्रम नियंत्रण के लिए उन्नत उपकरणों तथा उन्नत तकनीकों के लिए वैज्ञानिक तकनीकों का भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके साथ ही सभी वर्गो की शिक्षा पर जोर देने के साथ ही मेलों एवं सेमीनारों का आयोजन करना भी शामिल हैं।
इन गांवों को बनाया जाएगा पोषण स्मार्ट विलेज

पोषण स्मार्ट विलेज बनाने के लिए सांची विकासखण्ड के आमखेड़ा, गैरतगंज विकासखण्ड के धनगवां, बेगमगंज विकासखण्ड के सुल्तानगंज, सिलवानी विकासखण्ड के सियरमउ, उदयपुरा विकासखण्ड के पतई, औबेदुल्लागंज विकासखण्ड के गज्जूपिपलिया तथा बाड़ी विकासखण्ड के गांव चौराकमरोरा का चयन किया गया है।

बैठक में महिला बाल विकास अधिकारी श्री आरसी त्रिपाठी, सहायक संचालक श्री ज्ञानेश खरे, महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजय गहरवाल सहित सभी विकासखण्डों की परियोजना अधिकारी, सुपरवाईजर, संबंधित गांवों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंच-सरपंच तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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