विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि वर्ष 2015 में सऊदी के शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सीधा फोन कॉल निर्णायक साबित हुआ था तथा युद्ध प्रभावित यमन में फंसे भारतीयों एवं विदेशियों को वहां से निकालने में मदद मिली थी। वर्ष 2015 में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के सैन्य दखल के दौरान यमन से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को निकालने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑप्रेशन राहत’ शुरू किया था।
अदन बंदरगाह से 1 अप्रैल, 2015 को समुद्र से इन लोगों को निकालने का काम चला था जो 11 दिनों तक चला। यहां आसियान-भारत प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि यमनी स्थलों पर सऊदी अरब की तरफ से लगातार बमबारी से भारतीयों को वहां से निकालना करीब-करीब असंभव हो गया था।