गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक हार्मानल परिवर्तन होने की वजह से महिलाओं की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील हो जाती है, जिस के कारण उन्हें खुजली जैसी त्वचा संबंधी परेशानियां हो जाती है। आमतौर पर रक्त संचार बढ़ने या पेट की त्वचा की स्ट्रेचिंग की वजह से खुजली होती है लेकिन जब यह बहुत अधिक हो तो यह होने वाले बच्चे के लिए खतरे का इशारा है।
गर्म पानी से बचें :
गर्भावस्था के दौरान गर्म पानी से स्नान न करके गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें, वो भी आवश्यकता पड़ने पर। इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी, प्राकृतिक तेल भी बना रहेगा और खुजली नहीं होगी।
हल्का सा मॉश्चराइजर लगाएं :
कमर वाले हिस्से में मॉश्चराइजर लगाना न भूलें। आप चाहें तो किसी प्रकार का तेल भी लगा सकती हैं। इससे त्वचा में मॉश्चर बना रहता है और खुजली नहीं होती है।
नारियल का तेल :
खुजली होने पर गरी का तेल सबसे ज्यादा राहत देता है। यह सुरक्षित भी होता है। इसे हल्का गुनगुना करके लगाएं।
ढीले कपड़े पहनें :
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कसे हुए कपड़े न पहनें। ढीले कपड़े पहनने से आराम रहता है और त्वचा में घर्षण न होने की वजह से ड्राईनेस भी नहीं होती है।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं :
गर्भावस्था में खुजली से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पद्धार्थ बाहर निकलते है। शरीर और त्वचा की सफाई के लिए ज्यादा पानी पीएं।
बर्फ से सिंकाई :
इसके अलावा खुजली होने पर गर्भवती महिलाएं चाहे तो उस स्थान पर बर्फ से सिंकाई भी कर सकती हैं। ऐसे करने से आराम महसूस होगा