अनुपपुर – (ईपत्रकार.कॉम) |बच्चे देश की धरोहर है, उनका समुचित पालन आवश्यक है, खासकर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों की पहचान कर उनकी शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण तथा पुनर्वास की व्यवस्था आवश्यक है, अन्यथा मुख्य धारा से उनके हटने पर वे आपराधिक कार्यों में जा सकते हैं। उक्ताशय के विचार मध्यप्रदेश विधानसभा की महिला एवं बाल कल्याण समिति की सभापति सुश्री ऊषा ठाकुर ने आज अनूपपुर जिले के अमरकंटक भ्रमण के दौरान आयोजित महिला एवं बाल विकास तथा निःशक्तजन कल्याण विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किए। बैठक में विधानसभा समिति के सदस्य विधायक सर्व श्रीमती रेखा यादव, श्रीमती उमा देवी खटीक, श्रीमती प्रमिला सिंह, श्रीमती शीला त्यागी, श्रीमती सरस्वती सिंह एवं विधानसभा सचिवालय के श्री प्रदीप आरसे अवर सचिव, श्रीमती पूजा उदासी, सुश्री नीलिमा बरकड़े, श्री विक्रमाजीत द्विवेदी, श्रीमती वन्दना अम्बाडकर, श्री अरुण ढोके तथा सतीश मालवीय उपस्थित थे।
बैठक में विधायकों द्वारा जिले में विभागीय गतिविधियों के क्रियान्वयन पर संतोष जताया गया। समिति के सदस्यों द्वारा विभागीय योजनाओं के और अधिक प्रभावी क्रियान्वयन पर सुझाव मांगे गए। जिस पर शिशु गृह, महिलाओं के लिए आश्रय गृह, योजनाओं के संचालन हेतु प्रशिक्षित स्टॉफ, समग्र आईडी का संचालन विभाग के माध्यम से कराने का सुझाव दिया गया। जिस पर समिति ने सार्थक पहल करने की बात कही। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री बी.एल. प्रजापति, भोपाल से सहायक संचालक श्री जे.पी. सोनी, उप संचालक निःशक्तजन कल्याण विभाग श्री आर.पी. त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती मंजूलता सिंह, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती मंजूषा शर्मा, श्री सतीश जैन, श्री आनंद अग्रवाल एवं अन्य विभागीय अमला उपस्थित थे। इस अवसर पर संबंधित अधिकारियों द्वारा विभागीय गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी गई।