ज्यादा से ज्यादा बच्चें स्कूल आए इसके लिए सरकार ने स्कूलों में मिड-डे मील की शुरूआत की। ये सरकारी योजना काफी सफल भी रही, लेकिन कई बार बच्चों ने खाने में शिकायत दर्ज कारई, तो कई बार खाने में छिपकली और कॉकरोज निकलने के मामले भी सामने आए। तो अब एक नए मामले में बच्चों ने मिड-डे खाने से ये कहते हुए इंकार किया कि बनाने वाला उनकी बिरादरी का नहीं है।
जी हां मध्यप्रदेश के टीकागढ़ में ऐसा मामला सामने आया है। यहां कुल बच्चों में से सिर्फ बारह बच्चे मिड-डे का खाना खाते हैं बाकी ऊंची जाति के बच्चें कहते हैं कि हम तुम्हारा खाना नहीं खाएंगे क्योंकि तुम हमारी बिरादरी के नहीं हो। उनकी मां घर पर खाना बनाती हैं। दरअसल यहां मिड-डे का खाना किसी दलित के घर पकाया जाता है।
स्कूल के हेडमास्टर का कहना है, ‘खाना स्कूल किचन के शेड में बनना चाहिए। तब सब इस खाने को खाएंगे। फिलहाल ये किसी के घर की रसोई में पकाया जा रहा हैै, जिसे खाने में बच्चे हिचकते हैं।’