बल एक्सप्रेस वे सर्वे कार्य में कोताही न बरतें- आयुक्त श्री शिवानंद दुबे

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मुरैना- (ईपत्रकार.कॉम) |आयुक्त चंबल संभाग श्री शिवानंद दुबे ने कहा कि चंबल नदी के किनारे चंबल एक्सप्रेस वे एवं बीहड विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चंबल एक्सप्रेस वे स्वीकृत किया गया है। चंबल एक्सप्रेस वे सर्वे कार्य में कोताही न बरतें रही बात शासन स्तर से संभाग के अंतर्गत भिण्ड मुरैना श्योपुर जिलो से फुल सपोट म.प्र.सडक विकास निगम को दिया जायेगा। यह बात उन्होने आज चंबल भवन में आयोजित चंबल एक्सप्रेस वे निर्माण संबंधी बैठक के दौरान कहीं। इस अवसर पर एमपीआरडीसी श्री अमित चंद चंसारिया, मनोज पुरानिक, अपर कलेक्टर भिण्ड श्री टी.एन सिंह, श्रीराम मिश्र, बी.सी टेंटवाल, एससी सान्याल, आदित्य पालीवाल, एसएलआर श्रीमती काजल दीक्षित, एसएलआर श्योपुर श्री एन आर सखवार श्री राहुल शर्मा, आदि उपस्थित थे।

बैठक में आयुक्त चंबल संभाग श्री शिवानंद दुबे ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे की प्रस्तावित लंबाई 300 कि.मी. है। उन्होने बताया कि चंबल एक्सप्रेस वे निर्माण चंबल नदी के समानान्तर प्रस्तावित है। प्रस्तावित निर्माण का अधिकांश हिस्सा बीहड क्षेत्र में प्रस्तावित है। बीहड क्षेत्र में एक्सप्रेस वे के दौनो ओर विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियां प्रस्तावित होने से इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो सकेगा। उन्होने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे का निर्माण चंबल नदी के समानान्तर घडियाल सेन्चुरी के बाहर प्रस्तावित है। एक्सप्रेस वे निर्माण में न्यूनतम वन भूमि का उपयोग किया जाना प्रस्तावित है।

श्री दुबे ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे का एक रेखण राज्य राजमार्ग क्र. 6 के पाली से शुरू होकर श्योपुर जिले में हीरापुर, बीरपुर, मुरैना जिले मे झुण्डपुरा, ब्रिजगढी, छिन्नवारा, मथुरापुरा, खन्डोली, रा.रा.-3 को पार करते हुए गडोरा, झकोना, ऐसाह, डन्डोली, बरवई, रछेड, रायपुर, भिण्ड जिले में कुरैठा, नागरा-पोरसा, कनैरा, अटेर, खीपोना, खैरी, सुरजपुर, बिजोरा, रामा, बढापुरा, से होते हुए राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्र. 92 तक कुल लंबाई 300 कि.मी. है। चंबल एक्सप्रेस वे का निर्माण चंबल नदी के किनारे बीहडो से होते हुए प्रस्तावित है। जिसके कारण निर्माण हेतु आवश्यक भूमि में से लगभग 80 प्रतिशत से अधिक शासकीय भूमि उपलब्ध है।

आयुक्त श्री दुबे ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे के दोनो ओर व्यवसायिक गतिविधियां विकसित करना प्रस्तावित है। जिसमें लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केन्द्र, कृषि उत्पाद केन्द्र, खाद्य प्रशंसकरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, स्मार्ट सिटीज, रिसॉर्ट्स एवं मनोरंजन केन्द्र ओर संचार उपयागिताओं की लीज रहेगी। उन्होने बताया कि एक्सप्रेस वे हेतु ज्यामितीय डिजाईन के अनुसार लगभग 100 मी. चोडी भूमि की आवश्यकता होगी तथा वर्तमान में विद्यमान राज्यमार्ग अथवा मुख्य जिला मार्गो के आसपास कीमती, सिंचित कृषि भूमि का उपयोग इस हेतु किया जाना उचित प्रतित नही होता है। अत: एक्सप्रेस वे का निर्माण बीहड भूमि से किया जाना प्रस्तावित है।

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