परफेक्ट लुक पाने में डाइटिंग भी एक ट्रेंड बनता जा रहा है। हर कोई साइज जीरो की दीवानगी में खाना पीना छोड़कर भूखा रहने लगा है। गृहणियों से लेकर वर्किंग वुमन तक सभी अपने फिगर को जीरो साइज देने में लगी हुई है। इसके लिए वह खाना-पीना छोड़ रहीं हैं, जबकि बिना किसी डाइटीशियन की सलाह के खाना-पीना छोड़ना बड़ी समस्याओं को जन्म दे रहा है। इससे युवतियों के आंखों के नीचे डार्क सर्कल बन जाते है। स्किन का ग्लो भी चला जाता है।
ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जीरो फिगर नहीं बल्कि स्वस्थ शरीर होना आवश्यक है। उनका सुझाव है कि भूखे रहकर डाइटिंग करना व अपना वजन कम करना अलग चीज है तथा परफेक्ट फिगर की नई परिभाषा के अनुरूप शरीर को गलाना अलग बात है। महिलाओं में बढ़ती डाइटिंग की प्रवृत्ति से कई बार देखने में आता है कि कुछ समय बाद कई बीमारियां शरीर को लग जाती हैं।
कभी-कभी डाइटिंग से बढ़ जाता है वजन:
लोगों का मानना है कि कम खाने से उनका वजन घट जाएगा, जबकि कई बार कम खाने से वजन उल्टा बढ़ने लगता है। कम खाना खाने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म (उपापचय क्रिया) कम हो जाता है। ऐसा करने से शरीर में कैलोरी बर्न (जलने) होने की क्रिया नहीं होती है और वसा (फैट) कम मात्रा में जलती है। इससे शरीर का मोटपा बढ़ने लगता है।
जूस भी बिगाड़ सकता है सेहत:
लोगों को लगता है कि डाइटिंग के दौरान पीना सेहत के लिए अच्छा है, विशेषज्ञ इस बात को सिरे से नकारते हैं। उनके मुताबिक जूस में फाइबर तथा अन्य विटामिन नहीं मिल पाते इसमें केवल पानी व चीनी की मात्रा होती है। ऐसे में बेहतर विकल्प के तौर पर फलों का सेवन माना जाता है।
काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट लेना शरीर के लिए जरूरी:
भोजन में पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण भाग कार्बोहाइड्रेड से मिलता है। डाइटिंग के समय सिंपल कार्ब (शुगर, मैदा, व्हाइट ब्रेड) से बचना चाहिए और काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। साइट्रस फ्रूट से एसिडिटी होती नहीं है जबकि भूखे रहने से लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है। साइट्रस पदार्थो से बल्कि प्रकृति में अम्लीय होने के चलते ये शरीर को एसिडिटी से राहत देते हैं।