बेटी इवानका के कहने पर ट्रंप ने दिया सीरिया पर हमले का आदेश!

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गुरुवार को अमेरिका ने सीरिया के एक एयरबेस पर मिसाइल दागे। खबरों की मानें, तो ट्रंप ने यह फैसला अपनी बड़ी बेटी इवानका के कहने पर लिया। एक कूटनीतिक मेमो के हवाले से कहा जा रहा है कि इवानका ने अपने पिता राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को यह हमला करने के लिए राजी किया।

इस हमले से जुड़े घटनाक्रम और रणनीति को लेकर अमेरिका में नियुक्त ब्रिटिश राजदूत सर किम डेरक ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीज़ा मे और विदेश सचिव बोरिस जॉनसन को ब्रीफिंग दी। इसी केबल ब्रीफिंग में डेरक ने टरीज़ा और जॉनसन को बताया कि गुरुवार को अमेरिका द्वारा किए गए मिसाइल हमले के पीछे इवानका की अहम भूमिका रही। इस मेमो को देखने वालों ने ‘द इंडिपेंडेंट’ अखबार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इवानका के प्रभाव के कारण ही ट्रंप ने यह कदम उठाने का मन बनाया।

डेरक ने इस मेमो में दावा किया है कि सीरिया के इदलिब प्रांत में 4 अप्रैल को सरिन नर्व गैस द्वारा किए गए रासायनिक हमले में मारे गए लोगों की तस्वीर देखकर ट्रंप ‘अंदर तक हिल’ गए। ये तस्वीरें स्थानीय इदलिब मीडिया सेंटर द्वारा केबल टेलिविजन पर प्रसारित की गई थीं। डेरक द्वारा भेजे गए इस संदेश को पढ़ने वाले सूत्रों ने बताया कि इस रासायनिक हमले पर इवानका द्वारा लिया गया स्टैंड काफी प्रभावी साबित हुआ। मेमो के अनुसार, इवानका की भावनाओं ने बहुत हद तक राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले को प्रभावित किया है।

डेरक ने अपने संदेश में लिखा कि शायद इसी कारण ट्रंप प्रशासन ने इस पूरी घटना पर उम्मीद से कहीं ज्यादा सख्ती दिखाई है। डेरक ने अपने मेसेज में टरीज़ा और जॉनसन का ध्यान इवानका के उस ट्वीट की ओर भी आकर्षित किया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘सीरिया में हुए बर्बर रासायनिक हमले के बाद वहां से आ रही तस्वीरों को देखकर उन्हें काफी गुस्सा आ रहा है और वहां मारे गए लोगों की फोटो देखकर उनका दिल टूट गया है।’

इस कार्रवाई से लेकर अब तक ट्रंप प्रशासन ने सीरिया मसले पर जिस तरह का रवैया दिखाया है, वह ट्रंप के विचारों और वादों से बिल्कुल अलग है। अपने चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने बार-बार कहा कि वह अमेरिका द्वारा विदेशी मामलों में दखलंदाजी की नीति के खिलाफ हैं। सीरिया को लेकर पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की आलोचना करते हुए ट्रंप ने लगातार कहा था कि अमेरिका को सीरिया में किसी तरह का दखल न देकर अपने राष्ट्रीय हितों की परवाह करनी चाहिए। गुरुवार को हुए मिसाइल हमले के बाद इवानका ने ट्वीट किया, ‘हम जिस वक्त और माहौल में जी रहे हैं, वह हमसे मुश्किल फैसले लेने की अपील करता है। मुझे अपने पिता पर गर्व है। उन्होंने इंसानियत के खिलाफ इस तरह के बर्बर और नृशंस अपराधों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।’

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