बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लक्ष्य निर्धारित करें – कलेक्टर

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राजगढ़  – (ईपत्रकार.कॉम) |जिले में नागरिकों को शासन द्वारा प्रदत्त समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। इस उद्देश्य से लक्ष्य निर्धारित किए जाएं, रणनीति बनाई जाए, लक्ष्यों की पूर्ति समय-सीमा में हो तथा उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। यह निर्देश आज जिला कार्यालय में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा दिए गए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुसुईया गवली सिन्हा, सिविल सर्जन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय डॉ. एस. यदु, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला कुष्ठ रोग तथा एड्स नियंत्रण अधिकारी, जिले के समस्त विकास खंड चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।

संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा गर्भवती माताओं के पहले ही माह से पंजीयन करने तथा समय-समय पर समुचित देखभाल और टीकाकरण एवं डिलीवरी के लिए एस.एम.एस. अलर्ट तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में एक भी गृह प्रसव नही हो, यह सुनिश्चित करने आशा कार्यकर्ताओं एवं ए.एन.एम. पर प्रशासनिक कसावट रखी जाए। काम नही करने वाले चिकित्सीय अमले का वेतन काम के प्रतिशत के आधार पर और काम नही करने, समस्याएं उत्पन्न करने वाले चिकित्सीय अमले की वेतन वृध्दियां रोकी जाए। इसके साथ ही अच्छे एवं सेवाभाव से कार्य करने वाले चिकित्सीय अमले को सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जाए। उन्होंने गर्भवती माताओं के पंजीयन के लिए सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारियों से 31 अक्टूबर 2017 की स्थिति में उनके क्षेत्र में सभी गर्भवती माताओं के पंजीयन कर लिया गया है, का प्रमाण पत्र खंड चिकित्सा अधिकारियों से लेने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उन्होंने दिए।

उन्होंने चिकित्सकों द्वारा प्रसव के लिए संस्था में आई गर्भवती माता को अन्यत्र रिफर करने, आपरेशन द्वारा डिलीवरी कराने और गंभीर मानकर रिफर करने तथा संबंधित महिला की सामान्य डिलीवरी होने की शिकायतों के मद्येनजर गंभीर आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने संस्था द्वारा गर्भवती माताओं के प्रसव के रिफरल प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मातृ मृत्यु दर शून्य करने तथा रोस्टर बनाकर जनजागरूकता हेतु जिले के दूरस्थ अंचलों में शिविर लगाए जाने के निर्देश भी दिए। पीसीपीएनडीटी की समीक्षा के दौरान कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु उन्होंने भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाली संस्थाओं पर अधिनियम अंतर्गत के विरूध्द अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के विरूध्द भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देशित किया कि पूरक पोषण केन्द्रों में अति कुपोषित बच्चों के उपचार की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि अति कुपोषित बच्चे का एनआरसी केन्द्र में संपूर्ण उपचार हो। कोई भी केन्द्र खाली नही रहे उसकी पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल और सुनिश्चित उपचार करने ताकि वह भी सामान्य बच्चों की तरह स्वस्थ रहे, के उद्देश्य से अतिरिक्त प्रयास किए जाए। महिला बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग को समन्वय बनाते हुए प्राथमिकता के क्रम में सबसे उपर रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती माता यदि कुपोषित, कमजोर और एनीमिया आदि से पीड़ित रहेगी तो बच्चा भी कुपोषित ही जन्म लेगा। इसे दृष्टिगत रखते हुए बच्चो की माता को भी आवश्यक समझाईस पूरक पोषण केन्द्रों में चिकित्सकगण दें। उन्होंने अन्धत्व निवारण हेतु स्कूलों में नेत्र परीक्षण और चश्में वितरित करने रोस्टर बनाने तथा तय तिथि को संबंधित स्कूलों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने निर्देशित किया। उन्होंने जिले के समस्त चिकित्सीय अमले से कहा कि फर्जी आंकड़ेबाजी नही हों। बैठक में वास्तविक जानकारी और उपलब्धियां बताई जाएं। चिकित्सीय अमला अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। उपलब्धियां सुधारे बिना स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नही होगी।

इस अवसर पर उन्होंने टीकाकरण ट्रेक्रिंग कलेण्डर का भी विमोचन किया तथा ओपीडी में मरीजों को नही देखने, जारी शोकाज का नोटिस नही देने पर जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक डॉ. राजकुमार उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से नरसिंहगढ़ स्थानान्तरित करने के निर्देश भी दिए।

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