भगवान शिव को बहुत प्रिय है बेलपत्र, इसके प्रयोग से टल जाती हैं सारी मुसीबतें

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ज्योतिष के जानकारों की मानें तो भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं महादेव. मान्यता है कि शिव की उपासना बिना बेलपत्र के पूरी नहीं होती.

अगर आप भी देवों के देव महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है. आइए जानते हैं कि बेलपत्र क्यों है शिव को इतना प्रिय और क्या है बेलपत्र का महत्व…

बेलपत्र का महत्व
बेल के पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं. बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं लेकिन इन्हें एक ही पत्ती मानते हैं. भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती. पूजा के साथ ही बेलपत्र के औषधीय प्रयोग भी होते हैं. इसका प्रयोग करके तमाम बीमारियां दूर की जा सकती हैं.

बेलपत्र के प्रयोग की सावधानियां
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो जब भी आप महादेव को बेलपत्र अर्पित करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि गलत तरीके से अर्पित किए हुए बेलपत्र शिव को अप्रसन्न भी कर सकते हैं.

 बेलपत्र से जुड़ी इन सावधानियों के बारे में…

– एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए.
– पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए.
– भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से ही अर्पित करें.
– एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं.
– शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ ही में जल की धारा जरूर चढ़ाएं.
– बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए.

शादी में देरी हो रही हो तो कैसे करें बेलपत्र का प्रयोग?
कई बार ना चाहते हुए भी शादी में देरी होने लगती है. कोई भी रिश्ता तय नहीं हो पाता. इसका कारण जो भी हो पर बेलपत्र के उपाय से इस समस्या का समाधान जरूर हो सकता है. तो आइए जानते हैं बेलपत्र के प्रयोग से कैसे मनचाहे समय पर होगा आपका विवाह…
– 108 बेलपत्र लें और हर बेलपत्र पर चन्दन से ‘राम’ लिखें.
– ‘ॐ नमः शिवाय’ कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं.
– सारे बेल पत्र चढ़ाने के बाद शिव जी से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.

गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाएगा बेलपत्र
शिव जी का प्रिय बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी आपको छुटकारा दिला सकता है. अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान हैं और हर इलाज नाकाम हो रहा है तो अब आपकी ये बीमारी बेलपत्र के प्रयोग से खुद ब खुद दूर हो जाएगी…
– 108 बेलपत्र लें और एक पात्र में चन्दन का इत्र भी लें.
– अब एक-एक बेलपत्र चन्दन में डुबाते जाएं और शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं.
– हर बेलपत्र के साथ ‘ॐ हौं जूं सः’ का जाप करते रहें.
– मंत्र जाप के बाद जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करें.

बेलपत्र के आयुर्वेदिक प्रयोग
बेलपत्र का केवल दैवीय प्रयोग नहीं है. यह तमाम औषधियों में भी काम आता है. इसके प्रयोग से आपकी सेहत से जुड़ी तमाम समस्याएं चुटकियों में हल होती हैं. आइए जानें क्या-क्या हैं बेलपत्र के औषधीय प्रयोग…
– बेलपत्र का रस आंख में डालने से आंखों की ज्योति बढ़ती है.
– बेलपत्र का काढ़ा शहद में मिलाकर पीने से खांसी से राहत मिलती है.
– सुबह 11 बेलपत्रों का रस पीने से पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाता है.

अगर मुकदमे या विवाद से छुटकारा पाना हो
अगर आपकी जिंदगी विवादों से घिरी रहती है. कोर्ट-कचहरी के चक्कर आपका पीछा नहीं छोड़ रहे हो तो बेलपत्र के एक प्रयोग से इस समस्या का भी समाधान हो सकता है…
– रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड में रामराज्याभिषेक तक जाएं.
– राज्याभिषेक के समय शिव जी ने श्री राम की जो स्तुति की है उसका पाठ करें.
– रोज सुबह प्रेम सहित श्री राम स्तुति का पाठ करने से सारी बाधाएं दूर होंगी.

बेलपत्र के प्रयोग से कैसे भरेगी सूनी गोद?
जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने. संतान प्राप्ति की आपकी ख्वाहिश बहुत जल्दी पूरी हो सकती है. अगर आप संतान की ख्वाहिश में दर-दर भटक रहे हैं तो बेलपत्र के कारगर औऱ चमत्कारी प्रयोग से बहुत जल्दी आपकी सूनी गोद भर सकती है. इसके करें ये उपाय…
– अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लें और एक बर्तन में कच्चा दूध लें.
– एक-एक बेलपत्र दूध में डूबाते जाएं और शिवलिंग पर चढ़ाए जाएं.
– हर बेलपत्र चढ़ाने के साथ ‘ॐ नमो भगवते महादेवाय’ का जाप करें.
– इसके बाद महादेव से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें.

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