भारत और नेपाल सीमा मुद्दों को सुलझाने पर हुए सहमत

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भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद सुलझाने और ‘नो मैंस लैंड’ में बढ़ रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए आम सहमति बन गई है। इऐ अमली जामा पहनाने के लिए सोमवार को दोनों देशों के अधिकारियों की एक बैठक एसएसबी ग्रुप सेंटर में हुई जिसमें नेपाल के छह जिले और भारत के पांच जिले के अधिकारी शामिल हुए।

भारत की तरफ से नोडल अधिकारी बनाए गए बलरामपुर के जिलाधिकारी रॉकेश कुमार मिश्रा ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत और नेपाल दोनों देश जल्द ही सीमा पर जर्जर हो चुके स्तम्भों के पुर्ननिर्माण और सीमा पर ‘नो मैंन लैंड’ में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करेंगे। भारत-नेपाल सीमा सर्वेक्षण करने वाली टीम उत्तराखंड से बलरामपुर पहुंच चुकी है।

जिलाधिकारी मिश्रा ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर होने वाले कार्य को तीन हिस्सों में बांटा गया है। प्रथम चरण में भारत-नेपाल सीमा पर जर्जर हो चुके स्तम्भों को चिन्हित किया जाएगा। दूसरे चरण में चिन्हित स्तम्भों के पुर्निनर्माण का काम किया जाएगा। तत्पश्चात ‘नो मैंस लेंड’ में जहां अतिक्रमण है उन स्थानों से अतिक्रमण हटाया जाएगा। इस कार्य में एसएसबी, लोक निर्माण , राजस्व विभाग के साथ साथ नेपाल पुलिस की मदद ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भारत-नेपाल सीमा की न सिर्फ समस्याएं खत्म होंगी बल्कि दोनों देशों के रिश्तों की डोर मजबूत होगी। नेपाल के नोडल अधिकारी हरि प्रसाद मैनाली ने नेपाल में भारतीय नागरिकों और जवानों के साथ हुए दुव्र्यवहार पर खेद जताते हुए भरोसा दिलाया कि भारत के किसी भी नागरिक या जवान के साथ नेपाल में दुव्र्यवहार नहीं होने दिया जाएगा और इन मामलों की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सदियों से गहरा रिश्ता रहा है इस रिश्ते में किसी भी तरह की दरार नहीं आने दी जाएगी।