मन की बात : पीएम मोदी ने दी एग्जाम के लिए छात्रों को सलाह- स्माइल मोर, स्कोर मोर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर ‘मन की बात’ के माध्यम से देश को संबोधित किया. ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये 28वां प्रसारण था.

मन की बात में मोदी ने क्या कहा?
-पीएम मोदी ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि है. इस दिन हम सब सुबह 11 बजे 2 मिनट का मौन रखें. मौन रखकर हम देश के लिए प्राण न्योछावर करने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं. हमारे देश में सेना और जवानों के लिए सम्मान हैं.

-पीएम मोदी ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को बधाई दी.

-पीएम ने कहा कि मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे वीरता पुरस्कार से सम्मानित जवानों के बारे में पढ़ें और दोस्तों से शेयर करें.

-पीएम ने कहा बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पूरे घर-मोहल्ले में डर और तनाव का माहौल होता है. परीक्षा को त्योहार की तरह मनाइए. इससे प्लेजर लीजिए, प्रेशर नहीं

-पीएम ने कहा कि मैं बच्चों के माता-पिता से कहता हूं कि परीक्षा के दिनों को उत्सव की तरह मनाएं.

-पीएम ने कहा कि ‘स्माइल मोर, स्कोर मोर’, जब आप खुश होते हैं तो ज्यादा रिलेक्स होते हैं.

-पीएम ने कहा कि परीक्षा को जीवन-मरण का सवाल मत बनाइए. परीक्षा आपकी सफलता का पैमाना नहीं है.

-पीएम ने छात्रों को पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेने की सलाह दी.

-पीएम ने कहा आज के इस दौर में शिक्षा के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती देख पाता हूं, वो यह कि शिक्षा परीक्षा केन्द्रित हो कर रह गई है.

-पीएम ने कहा कि परीक्षा और अंक का आपके जीवन में सीमित महत्व है. इसे सब कुछ ना समझें.

-पीएम ने कहाअंकों पर फोकस करेंगे तो कुछ ही चीजों को पढ़ोगे और ज्ञान पर फोकस करोगे तो ज्यादा जानकारी जुटाओगे.

-पीएम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा मत कीजिए, अनुस्पर्धा (खुद से कॉम्पिटिशन) करें.

-पीएम ने कहा कि सफल खिलाड़ी अनुस्पर्धा करते हैं. पीएम ने इसके लिए सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया.

– प्रतिस्पर्धा पराजय, हताशा, निराशा और ईर्ष्या को जन्म देती है, लेकिन प्रतिस्पर्धा आत्मंथन, आत्मचिंतन का कारण बनती है.

-पीएम ने कहा कि मैं अभिभावकों से इतना ही कहना चाहूंगा कि तीन बातों पर हम बल दें- स्वीकारना, सिखाना और समय देना.

-पीएम ने कहा कि कई बार अभिभावकों की अपेक्षाएं बच्चों पर ज्यादा भारी हो जाती हैं. ये अपेक्षाएं बैग से भी भारी होती हैं.

-पीएम ने कहा कि नकल न करें. नकल करना आपको विफलता के रास्ते पर घसीट ले जाएगा.

-कुछ लोग नकल करने में क्रिएटिविटी दिखाते हैं.

-अभिभावक परीक्षा के समय के बच्चों को हंसी-खुशी का माहौल दें.

-परीक्षा के दिनों में आराम भी जरूरी.

-अपने पर विश्वास रखें.

-सर्वांगीण विकास करना है, तो किताबों के बाहर भी एक जिंदगी होती है और वो बहुत बड़ी विशाल होती है.

-गहरी सांस लेने से भी मन और मस्तिष्क हल्का होता है.

चुनाव आयोग ने शर्त के साथ दी परमिशन
बता दें कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के एपिसोड को प्रसारित करने की मंजूरी इस शर्त पर दी है कि इसमें ऐसा कुछ नहीं कहा जाएगा जिससे उन पांच राज्यों के वोटर प्रभावित हों जहां आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं.

सरकार ने ‘मन की बात’ के अगले एपिसोड की मंजूरी लेने के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया था क्योंकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वहां आदर्श आचार संहिता लागू है. इन राज्यों में चार फरवरी और आठ मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

 

 

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