महापुरूषों से प्रेरणा लेकर प्रतिभा को सर्वश्रेष्ठ रूप से प्रकाशमान करें

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत का भविष्य बच्चों के हाथ में सुरक्षित है। छात्र-छात्राएँ महापुरूषों के जीवन वृत्तांत से प्रेरणा लेकर अपने अंदर की प्रतिभा को सर्वश्रेष्ठ रूप से प्रकाशमान करें। उन्होंने कहा कि महाराजा छत्रसाल सहित देश का निर्माण करने वाले महापुरूषों की जीवनी को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान सतना में सरस्वती विद्यापीठ में तीन दिवसीय अभ्युदय महाशिविर के दूसरे दिन प्रकट समारोह के शुभारंभ पर बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य होते हैं। पहला ज्ञान देना, दूसरा कौशल विकास और तीसरा नागरिकता का संस्कार देना। उन्होंने कहा कि हम सब भारतीय की भावना सदैव से वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। विश्व के कल्याण की भावना के साथ सभी सुखी हो, निरोग रहे, सबका मंगल और कल्याण हो, यही प्रार्थना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई के साथ खेल और व्यायाम भी जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नव वर्ष मे 12 जनवरी को भोपाल में विद्यार्थी पंचायत की जायेगी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों मे चयनित होने वाले बच्चों की फीस अब गरीब परिवार के अभिभावकों को नहीं भरना होगा। फीस की अब सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाराजा छत्रसाल के जीवन वृत्तांत पर रचित पुस्तक ”हमारे छत्रसाल” का भी विमोचन किया।

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