महुआ फूल चुनने वाले जनजाति भाई-बहनों को सरकार अच्छे जूते उपलब्ध करायेगी

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महुआ का फूल बीनने वाले अनुसूचित जनजाति के गरीब भाई-बहनों को राज्य सरकार अच्छे जूते और पीने के पानी की कुप्पी उपलब्ध करवायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ बावड़िया कलां में शासकीय गुरुकुलम आवासीय विद्यालय का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने शैक्षणिक भवन और छात्रावास भवन का लोकार्पण तथा विद्यालय और छात्रावास भवन को जोड़ने वाले सस्पेंशन ब्रिज का शिलान्यास भी किया। इस मौके पर अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञानसिंह, गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों के साथ भोजन भी किया। उन्होंने विद्यालय और छात्रावास भवनों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि व्यक्ति अच्छे गुणों से बड़ा बनता है। आवासीय विद्यालय में सुविधाओं का बेहतर उपयोग कर जीवन में आगे बढ़े। इस विद्यालय में सभी श्रेष्ठ व्यवस्थाएँ की गयी हैं। मनुष्य के लिये कुछ भी असंभव नहीं है। जो जैसा सोचता है वैसा बन जाता है। आई.आई.टी., आई.आई.एम., मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने वाले अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरेगी। अनुसूचित जनजाति के युवा उद्यमी बने, इसके लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनायी गयी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों की क्लास में जीवन के सूत्र बतायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके पहले विद्यार्थियों की क्लास ली, जिसमें उन्होंने जीवन और व्यक्तित्व विकास के सूत्र बताये। उन्होंने कक्षा छह में बच्चों को बताया कि शिक्षा देने वाले गुरु का आदर करें, सुबह जल्दी उठे और ध्यान करें, आत्म-विश्वास से अच्छे काम करे, दूसरों की मदद करे, हमेशा सच बोले और मीठा बोले। उन्होंने बच्चों को ऋषि धौम्य और शिष्य आरुणि की, अर्जुन की लक्ष्य हासिल करने की एकाग्रचित्तता तथा युधिष्ठिर की सदा सच बोलने की कहानी सुनायी। उन्होंने कहा कि मनुष्य जैसा सोचता है वैसा बन जाता है। सबमें ईश्वर का अंश हैं। जैसा काम करते है वैसा व्यक्तित्व बनता है।

अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के विकास के लिये राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है। गुरुकुलम आवासीय विद्यालय के माध्यम से बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातियाँ विकास कर सकती हैं। जनजातियाँ भारत की सच्चे हितैषी और पर्यावरण के संरक्षक रही हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण श्री अशोक शाह ने गुरुकुलम आवासीय विद्यालय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस तरह के छह गुरूकुलम आवासीय विद्यालय शुरू किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में तीन पुस्तकों ‘विद्यार्थी डायरी’, ‘स्व-रोजगार की ऊँची उड़ान’ और ‘जनजातीय शिल्प’ का लोकार्पण किया। उन्होंने श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों श्री विजय वर्मा, श्री चन्द्रमोहन ठाकुर, श्री अशोक जैन, श्रीमती नीरजा शर्मा, श्रीमती सीमा सोनी और श्रीमती प्रीति पटेल को सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व महापौर श्रीमती कृष्णा गौर सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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